मुजफ्फनगर में हुए सांप्रदायिक हिंसा के बाद माननीयों की गिरफ्तारियां शुरू हो गई हैं। भाजपा और बसपा के विधायकों के पकड़ में आ जाने के बाद अन्य नेताओं को लेकर ऊहापोह का माहौल बना हुआ है।
दंगों में नामजद कुछ माननीय अभी भी शहर में डटे हुए हैं। जबकि कई ने शहर छोड़ दिया। फोन कॉल को लेकर माननीय बेहद सावधानी बरतने के साथ सुरक्षित ठिकानों पर पहुंच कर ‘नेताजी’ (मुलायम सिंह यादव) और प्रदेश सरकार पर गुस्सा उतारने की कोशिश में लग गए हैं।
अशोक कंसल, पूर्व विधायक: समय दोपहर करीब 12 बजे
गांधी कॉलोनी से सटे भाजपा के पूर्व विधायक अशोक कंसल के घर पर समर्थकों की आवाजाही लग रही। एमएलए सुरेश राणा और संगीत सोम की गिरफ्तारी होने के बाद से ही कंसल घर पर नहीं मिले।
मोबाइल पर संपर्क हुआ तो उन्होंने कहा कि वह शुक्रवार शाम को ही शहर से बाहर चले गए थे। वह प्रदेश सरकार पर घिनौनी राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं।
चौधरी नरेश टिकैत, भाकियू अध्यक्ष: समय दोपहर 12 बजे
शनिवार को दिनभर भाकियू अध्यक्ष अपने घर, घेर और खेत में मौजूद रहे। मेरठ और बागपत के किसान उन्हें समर्थन देने पहुंचे। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार निष्पक्ष होकर कार्रवाई करे। वह जिले में शांति चाहते हैं। गिरफ्तारी से कोई परहेज नहीं है। मुख्यमंत्री की पहली जिम्मेदारी शांति व्यवस्था की होनी चाहिए, जबकि यहां आंख मूंदकर गिरफ्तारियां की जा रही हैं।
राकेश टिकैत, भाकियू प्रवक्ता: समय दोपहर दो बजे
ऋषभ विहार स्थित आवास पर देहात और शहर से किसानों की आवाजाही लगी रही। भाकियू प्रवक्ता अपने आवास पर नहीं थे। संपर्क करने पर मालूम हुआ कि वह दिल्ली में किसान मुद्दों पर पत्रकार वार्ता में मौजूद हैं।
दिल्ली भवन में हुई इस वार्ता में भाकियू के विभिन्न प्रदेशों के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। टिकैत ने कहा कि उनकी प्राथमिकता शांति और निष्पक्ष जांच है। सरकार मुद्दे से न भटके, आमजन का विश्वास जीते।
हुकुम सिंह, नेता भाजपा विधान मंडल दल: समय दोपहर दो बजे
आवास पर परिचितों और समर्थकों का आना-जाना लगा हुआ था। फोन पर मिल रही सूचनाओं को एक-दूसरे से साझा किया जा रहा था। घर पर कार्यकर्ताओं को अटेंड कर रहे अविनाश बताते हैं कि ‘बाबू जी’ लखनऊ में हैं। गिरफ्तारी के सवाल पर उन्होंने इसे महज अफवाह बताया।
कादिर राना, बसपा सांसद: समय दोपहर तीन बजे
कादिर राना को फोन किया गया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। मेरठ रोड स्थित उनके आवास पर पता चला कि वह घर पर नहीं हैं। हालांकि परिजन और शुभचिंतकों की आवाजाही लगी रही।
पुलिस गुप्त तरीके से सांसद के आवास पर निगरानी रखे हुए है। कादिर राना 30 अगस्त को शहीद चौक पर हुई सभा के बाद से कहीं सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए।
सईदुज्जमां, पूर्व गृह राज्यमंत्री: वक्त करीब तीन बजे
शहीद चौक के निकट स्थित पूर्व सांसद के घर पर सन्नाटा पसरा था। भड़काऊ भाषण देने के मामले में सईदुज्जमां के साथ उनके बेटे सलमान सईद भी नामजद हैं।
दोनों कहां हैं, कोई सही से नहीं बता पा रहा है। गिरफ्तारी को लेकर कयास लगाए जाने का दौर जारी है। पड़ताल की तो पता चला कि पुलिस ने अभी दबिश ही नहीं दी है।
कहां गए रालोद नेता?
रालोद महासचिव प्रदीप बालियान और जिलाध्यक्ष अजीत राठी फोन पर उपलब्ध हैं, लेकिन इन्होंने पुलिस से बचने के लिए सुरक्षित ठिकाना ढूंढ लिया है।
महासचिव जयंत चौधरी के कार्यक्रम में भी दोनों नहीं दिखाई दिए। पूर्व विधायक प्रदीप बालियान ने कहा कि सपा सरकार एकतरफा कार्रवाई से जिले का माहौल खराब कर रही है।