महंगाई पर लगाम लगाने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में आने वाले दिनों में और बढ़ोतरी की आशंका ने घरेलू शेयर बाजार को लगातार दूसरे दिन गिरावट की ओर धकेला।
ब्याज दरों के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील बैंकिंग, रीयल्टी, कैपिटल गुड्स व ऑटो सहित पीएसयू, पावर, पेट्रोलियम, एफएमसीजी, मेटल और हेल्थकेयर वर्गों में बिकवाली का दबाव देखने को मिला।
इसके चलते बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 363 अंक गिरकर 20 हजार के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 19,900.96 अंक पर बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 122 अंक उतरकर 5,889.75 अंक के स्तर पर आ गया। एमसीएक्स एसएक्स का एसएक्स-40 सूचकांक 206.17 फीसदी की गिरावट के साथ 11,820.24 अंक पर बंद हुआ।
विश्लेषकों के मुताबिक बाजार को रिजर्व बैंक की ओर से 20 सितंबर की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में की गई चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी की कतई उम्मीद नहीं थी। इसलिए आरबीआई के नए गवर्नर रघुराम राजन के इस कदम ने बाजार की धारणा को तगड़ा झटका दिया है।
ऐसे में निवेशक आगे भी दरें बढ़ने और मौद्रिक सख्ती को लेकर खासे आशंकित हैं। ऐसे में बाजार में बिकवाली का माहौल जोर पकड़े हुए है। दूसरी ओर महीने के आखिरी हफ्ते में लिवाल नए सौदों से दूरी बना रहे हैं।
ऐसे में सोमवार को दौ सौ अंकों से ज्यादा की गिरावट पर खुला सेंसेक्स बीच सत्र में 20,199.81 अंक के ऊपरी और 19,826.30 अंक के निचले दायरे में कामकाज करता दिखा। आखिर में यह 363 अंक गिरकर 19,900.96 अंक पर बंद हुआ।
बीएसई में कुल 2,456 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिसमें 1,000 लाभ में और 1,314 नुकसान में रहे बाकी 142 में कोई बदलाव नहीं हुआ।
सेंसेक्स में सेस गोवा 3.14 फीसदी, हिंडाल्को 1.84, विप्रो 1.75, कोल इंडिया 1.20 और रेड्डीज लैब 1.06 फीसदी की बढ़त में रहे।
नुकसान उठाने वालों में एसबीआई 5.39, ओएनजीसी 4.86, आईसीआईसीआई बैंक 4.39, मारुति 4.37, एलएंडटी 4.20, एचडीएफसी 4.05 व भेल 3.96 फीसदी की गिरावट में रहे।