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सलाखों के पीछे पहुंचे लालू, जेल में गुजरेगी रात

30_09_2013-30laluprasad123 रांची। सीबीआइ की विशेष अदालत ने सोमवार को अविभाजित बिहार में हुए चारा घोटाले के मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक सफर पर प्रश्नचिह्न लगा दिया। मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्र व जहानाबाद से जदयू सांसद जगदीश शर्मा समेत 45 आरोपियों को दोषी ठहराया गया है। दोषी ठहराए जाने के साथ ही लालू व अन्य दोषियों को जेल भेज दिया गया। इनके लिए सजा का एलान तीन अक्टूबर को होगा। तीन साल से ज्यादा की सजा वाले मुकदमों में दोषी ठहराए जाने के बाद लालू और जगदीश की लोकसभा सदस्यता रद होना तय माना जा रहा है। दो साल से ज्यादा सजा पाने वाले दागी जनप्रतिनिधियों को संसद और विधानसभा से दूर रखने के सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के ये दोनों नेता शुरुआती शिकार होंगे।

न्यायाधीश पीके सिंह की अदालत ने करीब 17 साल पुराने मामले में सजा सुनाई है। इस मामले में अविभाजित बिहार के चाईबासा कोषागार (अब झारखंड में स्थित) से 37.7 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई है। यह निकासी चारा खरीद, विभिन्न पशुपालन केंद्रों में उसकी आपूर्ति और अन्य मदों में की गई थी। बाद में हुई जांच में यह सारा व्यय फर्जी पाया गया। कोर्ट ने आरोपियों को मुख्य रूप से धन के घोटाले, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की धाराओं में दोषी पाया। फैसला सुनने के बाद लालू प्रसाद ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। बोझिल कदमों से आगे बढ़ते हुए वह कार में जा बैठे, जहां से उन्हें कड़ी सुरक्षा में बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल ले जाया गया। दोषी ठहराए जाने के साथ ही लालू की जेड प्लस सुरक्षा भी निलंबित हो गई और ब्लैक कमांडो की जगह उनकी सुरक्षा का जिम्मा रांची की पुलिस ने संभाल लिया। फैसले के वक्त लालू के साथ कोर्ट में मौजूद बेटे तेजस्वी यादव ने बाहर निकलकर निर्णय के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करने की बात कही है। इस मामले में राजद प्रमुख को सुनवाई के दौरान पहले भी दो बार जेल जाना पड़ा था। एक बार वह पटना में और एक बार रांची की जेल में रहे थे। लालू इस समय बिहार के सारण से लोकसभा सदस्य हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फैसले पर प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन उनकी पार्टी जदयू और भाजपा ने निर्णय का स्वागत किया है। जबकि कांग्रेस ने निरपेक्ष भाव से इसे कानूनी प्रक्रिया की संज्ञा दी है।

सीबीआइ कोर्ट ने मामले में अन्य जिन प्रमुख लोगों को दोषी ठहराया है उनमें आइएस अधिकारी के अरुमुगम, बिहार के पूर्व पशुपालन मंत्री विद्यासागर निषाद और पूर्व विधायक ध्रुव भगत शामिल हैं। इस मामले में राजद

‘आप भगवान के समान हैं। आपके फैसले से कोई शिकायत नहीं है। हम कोई अनादर भी नहीं करते, लेकिन जेल में सब रहता है, एमसीसी (नक्सली) भी। वहां हमारी जान को खतरा हो सकता है।’

-लालू यादव की जज से गुहार

‘हां, इस फैसले से झटका-बहुत बड़ा झटका लगा है, लेकिन हम विचलित नहीं हैं। अब पार्टी का हर कार्यकर्ता लालू बनकर लड़ेगा, लोकसभा चुनाव में हम सभी 40 सीटें जीतेंगे।’

– रघुवंश प्रसाद सिंह, राजद नेता

हुजूर, जजमेंट की कॉपी दे दीजिए

रांची। सजा सुनाए जाने के बाद लालू यादव ने वकीलों की सलाह के बाद जज पीके सिंह से हाथ जोड़कर कहा हुजूर त्योहार आने वाला है, जजमेंट की कॉपी मिल जाती तो आगे अपील में सहूलियत होती। सीबीआइ जज के यह कहने पर कि आज संभव नहीं है, लालू ने कहा कि कल दे दीजिए, परसों भी मिलेगा तो चलेगा। इस दौरान वह हाथ जोड़े रहे।

आठ को मिली सजा व जमानत

रांची। दोषी ठहराए गए आठ लोगों को सोमवार को ही तीन साल तक की कैद की सजा सुना दी गई, शेष 37 लोगों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये तीन अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी। तीन साल तक सजा होने के कारण पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, पूर्व विधायक धु्रव भगत, सुनील सिन्हा, राजेश, के अरुमुगम, शिव कुमारी, मधु मेहता व विमला शर्मा को जमानत दे दी गई। शेष को हिरासत में ले बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेज दिया गया।

धरे रह गए पटाखे

पटना। चारा घोटाले में फैसले को लालू प्रसाद और उनके परिवार के मन में आशंकाएं थीं तो कहीं न कहीं अच्छा होने की संभावना भी थी। इसी के चलते पटना में उनके घर में आतिशबाजी का भी बंदोबस्त किया गया था। अगर फैसले में लालू निर्दोष ठहराए जाते तो देर न करते हुए तत्काल खुशी का इजहार होता। इसी के चलते पूरा परिवार अदालती कार्यवाही का समय होते ही टीवी के सामने आ बैठा था। लेकिन दोषी ठहराए जाने के बाद घर के भीतर और बाहर सन्नाटा छा गया।

NCR Khabar News Desk

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