सेना में सीक्रेट यूनिट बनाने को लेकर विवादों में घिरे पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने इन आरोपों को प्रायोजित और बेतुका बताया है।
उन्होंने जम्मू और कश्मीर में सरकार गिराने के आरोपों को हस्यास्पद करार दिया है।
वीके सिंह पर सेना की सीक्रेट यूनिट टेक्नीकल सर्पोट डिविजन (टीएसडी) के दुरुपयोग का आरोप है। सेना की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने निजी उद्देश्यों से इस यूनिट के फंड का गलत इस्तेमाल किया है।
अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई में शनिवार को उन्होंने कह कि सेना और रक्षा मंत्रालय ने अपनी जांच के दौरान यूनिट में कुछ संदिग्ध नहीं पाया था और बंद करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के पास भेजने का फैसला किया था। इसी दौरान रिपोर्ट लीक कर दी गई।
इस रिपोर्ट का सामने आना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके पीछे कई कारण है जिनमें मेरा भाजपा नेता नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करना भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि टीएसडी मेरी निजी सेना नहीं थी यह रक्षा मंत्री और एनएसए की अनुमति के बाद ही शुरू की गई थी। टीएसडी मुंबई में हुए 26/11 के हमले के बाद सीमा और आतंरिक सुरक्षा के लिए बनाई गई थी और इसका बजट सैन्य महानिदेशक द्वारा दिया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर सरकार को गिराने की कोशिश के आरोप पर जनरल सिंह ने कहा कि इस तरह का आरोप हास्यास्पद है। क्या कोई सरकार एक करोड़ में गिराई जा सकती है? जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री जानते हैं कि किस तरह के स्थायित्व वाले काम वहां किए गए थे।
फोन टैपिंग के संबंध में उन्होंने सफाई दी कि कि जिन ऑफ द एयर उपकरण से रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के फोन टैप करने का आरोप है वे रक्षा खुफिया एजेंसी के अंतर्गत आता है टीएसडी के नहीं। इनसे लैंडलाइन नहीं मोबाइल फोन टैप किए जा सकते हैं।
इसके साथ ही जनरल सिंह ने कहा कि अगर वो चाहते तो ब्रिकम सिंह की नए सेनाध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति में रुकावट डाल सकते थे। बिक्रम सिंह के खिलाफ जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में मामला चल रहा है। अगर हम कुछ करना चाहते तो इस मामले अपना रुख बदल सकते थे।