सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ कांड में जेल में बंद गुजरात पुलिस के डीआईजी डीजी वंजारा का इस्तीफा गुजरात सरकार ने नामंजूर कर दिया है। कल वंजारा ने सरकार को 10 पेजों की चिट्ठी के साथ इस्तीफा सौंपा था।
फर्जी मुठभेड़ में फंसे वंजारा के इस्तीफे को नामंजूर करते हुए गुजरात सरकार का कहना है कि “जब तक वंजारा पर केस चल रहा है, तब तक वह इस्तीफा नहीं दे सकते हैं।”
सरकारी नियमों के मुताबिक किसी अफसर का इस्तीफा तब तक मंजूर नहीं किया जा सकता, जब तक उस पर कोई बकाया हो या उस पर कोई केस या जांच चल रही हो।
क्या था मामला-
गुजरात में फर्जी मुठभेड़ों के मामले में जेल में बंद विवादास्पद आईपीएस अफसर डीजी वंजारा ने कल पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही उन्होंने इस्तीफे की दस पेज की चिट्ठी में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा था।
वंजारा ने नरेंद्र मोदी सरकार को लिखी चिट्ठी में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से लड़ने वाले पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया था। 1987 बैच के इस आईपीएस अफसर वंजारा कभी मोदी के बेहद करीबी थे।
उन्होंने अपने त्यागपत्र में कहा है कि कथित फर्जी मुठभेड़ों में शामिल पुलिस अधिकारियों ने सरकार की राजकीय नीति का पालन किया।
ऐसे में उसका यानी सरकार का स्थान नवी मुंबई स्थित तालोजा केंद्रीय कारागार अथवा अहमदाबाद स्थित साबरमती सेंट्रल जेल में होना चाहिए।