रांची।। चारा घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत सभी 45 आरोपियों को दोषी करार दे दिया है। अभी लालू यादवा की सजा की अवधि का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन तीन से सात साल की सजा हो सकती है। इसके साथ ही लालू का राजनीतिक भविष्य खत्म होने की अटकलें शुरू हो गई हैं। दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर सांसद और विधायक को अयोग्य करार दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के कारण ऐसा होगा।
यह मामला चाईबासा ट्रेजरी से अवैध रूप से 37.70 करोड़ रुपये निकलाने का है। 1996 में एफआईआर दर्ज होने के करीब 17 साल बाद इस मामले में फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से सीबीआई को जांच सौंपे जाने के बाद चाईबासा थाने में कांड संख्या 12/96 को जांच एजेंसी ने आरसी 20ए/96 का नाम दिया। जांच के बाद कुल 56 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई। इनमें से सात आरोपियों की मौत हो चुकी है। सुनवाई के दौरान सप्लायर पी. के. जायसवाल ने अपना अपराध कबूल कर लिया था और सजा काटने के दौरान ही जेल में ही उनकी मौत हो गई। आरोपी बनाए गए पांच आईएएस अधिकारियों में से सजल चक्रवर्ती को झारखंड हाई कोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया था। दो आरोपियों को सरकारी गवाह बना लिया गया था।
कोर्ट का फैसला आने से पहले लालू यादव और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री समेत कई आरोपी रविवार को रांची पहुंच गए थे। पत्रकारों के सवाल के जवाब में एयरपोर्ट पर लालू ने सिर्फ इतना कहा कि वह न्याय पाने रांची आए हैं और कोर्ट के फैसले के बाद ही कोई प्रतिक्रिया देंगे। उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर झारखंड सरकार में आरजेडी कोटे से मंत्री अन्नपूर्णा देवी और सुरेश पासवान सहित बिहार के भी कई पूर्व मंत्री व वरिष्ठ नेता मौजूद थे।