दोषी सांसदों या विधायकों को बचाने वाले अध्यादेश के विरोध में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर सियासत तेज हो गई है।
विपक्षी दलों ने राहुल के बयान को पीएम पद को शर्मसार करने वाला करार देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस्तीफा तक देने की सलाह दे दी है। पहले भाजपा इस बयान को नौटंकी करार दे दी चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में तैयार किया गया अध्यादेश कैबिनेट की सहमति के बाद राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। अब राहुल के विरोध और उनके पीएम को चिट्ठी लिखने के बाद अध्यादेश को वापस लेने की पूरी संभावना है।
ऐसे में प्रधानमंत्री के फैसले के विरोध करने को उनका अपमान बताया जा रहा है।
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने राहुल के बयान को प्रधानमंत्री के खिलाफ बताते हुए शनिवार को कहा कि राहुल गांधी ने पीएम को शर्मसार किया है। जबकि सोनिया की सहमति से अध्यादेश को सहमति मिली थी।
उन्होंने कहा कि राहुल ने जो कहा उससे बड़ा मजाक नहीं हो सकता।
वहीं, भाजपा नेता वेकैंया नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री का अपमान किया गया है। अगर पीएम में आत्मसम्मान है तो वह इस्तीफा दें।
तेलुगूदेशम पार्टी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने भी शनिवार को पीएम को इस्तीफा देने की सलाह दे डाली। उन्होंने कहा कि अगर मनमोहन सिंह राहुल गांधी के बयान से सहमति नहीं रखते हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। राहुल गांधी को ऊपर उठाने के लिए पीएम का अपमान किया जा रहा है।
लेकिन इन बयानबाजियों के बीच संसदीय मामलों के मंत्री रजीव शुक्ला ने कहा कि पीएम के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार दो साल की सजा पाए सांसद-विधायक दोषी करार दिए जाते ही चुनाव के लिए अयोग्य हो जाएंगे।