भाजपा में लालकृष्ण आडवाणी खेमे को रविवार को एक और बड़ा झटका लगा। पार्टी के संसदीय बोर्ड ने राजनाथ सिंह को चुनाव प्रचार अभियान समिति की कमान सौंप दी।
बोर्ड की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव खुद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखा, जिससे संक्षिप्त चर्चा के बाद स्वीकार कर लिया गया।
मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाते समय हुए विवाद के बाद माना जा रहा था कि रूठे आडवाणी को मनाने के लिए यह अहम जिम्मेदारी उनकी समर्थक मानी जाने वाली सुषमा स्वराज को दी जाएगी।
बैठक में राष्ट्रपति से दागी जनप्रतिनिधियों को बचाने के लिए सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश पर हस्ताक्षर न करने और राइट टू रिजेक्ट संबंधी हक पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की भी मांग की गई।
करीब डेढ़ घंटे चली संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद पार्टी महासचिव अनंत कुमार ने बताया कि बोर्ड ने सर्वसम्मति से राजनाथ सिंह को चुनाव प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला किया है।
समिति की टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इससे संबंधित प्रस्ताव खुद मोदी ने पेश किया, जिसे संक्षिप्त चर्चा के बाद स्वीकार कर लिया गया।
कुमार ने बताया कि इस दौरान जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर भी विचार हुआ।
बैठक में मोदी ने कहा कि गुजरात में स्थानीय निकाय में यह अधिकार देने के लिए राज्य विधानसभा ने दो दो बार बिल पारित किया, मगर राज्यपाल ने इस पर सहमति की मुहर नहीं लगाई।
अब बोर्ड ने इस मामले में सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है।