यूपी: जेल से बाहर उम्रकैदी, कठघरे में सरकार

23_09_2013-23SupremeCt1नई दिल्ली यूपी में ये क्या हो रहा है? दोहरे हत्याकांड के दो दोषी जिन्हें सुप्रीम कोर्ट तक से उम्रकैद की सजा हो चुकी है, करीब आठ साल से खुले घूम रहे हैं। लापरवाही की हद पर नाराज सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के गृह सचिव से पूरे राज्य का ब्योरा तलब किया है।

न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर और जेएस खेहर की पीठ ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि राज्य में कुल कितने ऐसे दोषी हैं जो अदालत से सजा सुनाए जाने के बावजूद खुले घूम रहे हैं? उन्हें किन अपराधों में सजा सुनाई गई है और वे कितने समय से फरार हैं? ऐसे कैदियों पर नजर रखने का क्या तंत्र है? उन्हें गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी किनकी है? तंत्र कितना प्रभावी है और अगर उसमें खामी है तो उसे ठीक करने के लिए क्या किया गया, ताकि फरार दोषियों को सजा भुगतने के लिए पकड़ कर जेल भेजा जाए।

कोर्ट ने पूछा है कि दोहरे हत्याकांड के दोषियों अवधेश कुमार सिंह और स्वरूप को पकड़ने के लिए क्या कदम उठाए गए? उन्हें पकड़ने में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई? कोर्ट ने राज्य के गृह सचिव से इस पर हलफनामा मांगा था और नाकाम रहने पर पेश होने का आदेश दिया था। पिछले सप्ताह हुई सुनवाई में गृह सचिव सर्वेश मिश्र कोर्ट में पेश हुए। लेकिन, प्रदेश सरकार के वकील एमआर शमशाद ने हलफनामा देने के लिए कुछ और वक्त मांगा जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने दी महीने का समय और दिया है। यह मामला देवरिया जिले के धरहरा गांव में 1987 में हुए दोहरे हत्याकांड से जुड़ा है। सत्र अदालत के बाद 19 अक्टूबर, 2005 को हाई कोर्ट से भी उम्रकैद मिलने के बाद लल्लन सिंह, जय श्री, तेज बहादुर, कमला सिंह, अवधेश कुमार सिंह और स्वरूप ने सुप्रीम कोर्ट में सजा को चुनौती दी।

सुप्रीम कोर्ट का नियम है कि अपील पर सुनवाई तभी होती है जब अभियुक्तों ने समर्पण कर दिया हो और उनके जेल जाने का प्रमाणपत्र पेश किया गया हो। लेकिन, अवधेश कुमार सिंह व स्वरूप ने समर्पण नहीं किया जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिकाएं खारिज कर दीं और सजा पर मुहर लगा दी। बाकी चार की अपीलें विस्तृत सुनवाई के बाद खारिज हुई। इस बीच सुप्रीम कोर्ट लगातार उत्तर प्रदेश सरकार से अवधेश कुमार सिंह और स्वरूप की गिरफ्तारी पर रिपोर्ट मांगता रहा। पिछले साल 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सत्र अदालत से अवधेश और स्वरूप के बारे में फिर रिपोर्ट मांगी। सत्र अदालत ने इस साल मई में दी रिपोर्ट में बताया कि अवधेश कुमार गिरफ्तार हो गया है और स्वरूप अब भी फरार है। रिपोर्ट से असंतुष्ट सुप्रीम कोर्ट ने मामले को विस्तृत रूप देते हुए पूरे राज्य के फरार दोषियों का ब्योरा तलब कर लिया है।