नरेंद्र मोदी की ताजपोशी लेकर भाजपा में मतभेद एक बार फिर सामने आ गए हैं।
पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के करीबी सुधींद्र कुलकर्णी ने मोदी को ध्रुवीकरण करने वाले नेता बताकर प्रधानमंत्री बनने की उनकी योग्यता पर सवाल खड़े किए हैं।
कुलकर्णी ने ट्विटर पर मोदी का नाम लिए बिना कहा, ‘सामाजिक रूप से ध्रुवीकरण करने वाले नेता ने अपनी खुद की पार्टी का ध्रुवीकरण कर दिया है। क्या वह केंद्र में सुचारु, स्थिर और प्रभावी सरकार दे सकेंगे। गंभीरता से सोचिए।’
आडवाणी ने भले ही खुलकर मोदी के नाम का विरोध नहीं किया हो, लेकिन माना यही जाता है वह मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाने के पक्ष में नहीं हैं।
ऐसे में उनके बेहद करीबी कुलकर्णी की यह टिप्पणी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि इसे आडवाणी के विचारों के रूप में ही देखा जा रहा है।
ट्विटर पर टिप्पणी के अलावा कुलकर्णी ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘चुनाव सात महीने बाद हैं। जनता बदलाव चाहती है। लेकिन कौन यह परिवर्तन लाएगा? वे नेता जो समाज का ध्रुवीकरण कर रहे हैं?’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर भाजपा में काफी मतभेद हैं। यह सवाल तो उठेगा कि क्या ऐसा नेता सुचारु सरकार और समाज में शांति सुनिश्चित कर सकता है।
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी पिछले दो दिनों से आडवाणी को मनाने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक मोदी की ताजपोशी को लेकर आश्वासन नहीं मिला है।
माना जा रहा है कि आडवाणी के अलावा सुषमा स्वराज और मुरली मनोहर जोशी चाहते हैं कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद ही मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया जाना चाहिए। जबकि मोदी समर्थक 17 सितंबर से पहले उन्हें उम्मीदवार घोषित करना चाहते हैं।