मुजफ्फरनगर में हालात और बिगड़े, मुलायम ने संभाली राजनीतिक व प्रशासनिक कमान

08_09_2013-mulayamsinghलखनऊ ।मुजफ्फरनगर को लेकर बनी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रविवार को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव खुद सक्रिय हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुख्य सचिव जावेद उस्मानी के साथ-साथ प्रभावित जिले के निकटवर्ती स्थानों के चुनिंदा सपा नेताओं को बुलाकर हालात पर चर्चा की और स्थिति को सामान्य बनाने को कहा।

सपा सरकार डेढ़ साल के शासनकाल में शायद पहली बार ऐसा हुआ है जब सपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को एक साथ तलब किया हो। बैठक के दौरान प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव भी मौजूद थे। सहारनपुर की देवबंद सीट के विधायक और स्वतंत्र प्रभार के ग्रामीण अभियंत्रण सेवा राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह राणा, मेरठ के किठौर से विधायक और श्रम राज्य मंत्री शाहिद मंजूर, मेरठ की विधान परिषद सदस्य सरोजनी अग्रवाल और जेल एवं खाद्य रसद मंत्री राजेंद्र चौधरी को बुलाया गया था।

सपा प्रमुख की चिंता सांप्रदायिक दंगों के विस्तार को लेकर है, जिसने पहले ही मुजफ्फरनगर के ग्रामीण अंचल में पांव पसार दिए हैं। बताया जाता है कि कुछ नेताओं ने बात को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की कोशिश की लेकिन सपा प्रमुख ने उन्हें यह कहकर चुप करा दिया कि यहां भाषण देने के लिए नहीं बुलाया गया है। उन्होंने सवाल किया, नौबत यहां तक कैसे पहुंची ? सपा नेताओं ने कहा कि स्थानीय कारणों से सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ था, अगर प्रशासनिक अमला चौकस रहता तो तनाव को हिंसक टकराव में बदलने से रोका जा सकता था। सपा नेताओं ने हालात के लिए प्रशासन और पुलिस को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया।

बताया जाता है कि सपा प्रमुख ने पार्टी नेताओं से कहा कि पुलिस प्रशासन पर नकेल सरकार कसेगी लेकिन फिलहाल सभी अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर अमन चैन कायम करने में सहयोग करें और हालात पर नजर रखते हुए वस्तुस्थिति से नेतृत्व को अवगत कराएं। सपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से हालात पर नियंत्रण करने के लिए सख्त कदम उठाने के साथ ही उन अधिकारियों की पहचान करने को कहा, जिनकी लापरवाही से सांप्रदायिक हिंसा फैली।