मुजफ्फरनगर में नौ दिनों के बाद हालात सामान्य होने पर प्रशासन ने सोमवार रात से शहर से कर्फ्यू हटा लिया है। फिलहाल अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती शहरी और देहात क्षेत्र में बनी रहेगी।
प्रशासन ने दावा किया है कि राहत शिविरों से कुछ परिवार घरों को लौट गए हैं। अब कार्रवाई का ऑपरेशन शुरू होगा।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का दौरा पूरा करने के बाद आईजी ब्रजभूषण शर्मा, कमिश्नर भुवनेश कुमार, डीआईजी अशोक मूथा जैन, डीएम कौशल राज शर्मा और एसएसपी प्रवीण कुमार ने काफी देर शहर के हालातों पर मंथन करने के बाद कर्फ्यू उठाने का फैसला किया।
चार शव मिलने से सनसनी
इस बीच, सोमवार को जानसठ के पास गंगनहर से चार शव मिलने से सनसनी फैल गई। इनमें से तीन शव तो एक साथ जटवाड़ा गंगनहर से बरामद हुए हैं। इनमें दो शव जले हैं, जबकि तीसरा पानी में गल गया है। चौथा शव चित्तौड़ा झाल से मिला है।
डीएम और एसएसपी का कहना है कि सोमवार को मिले शवों को हिंसा से जोड़ा जाना सही नहीं है, क्योंकि गंगनहर में लाशें बहकर आने का ट्रेंड बरसों पुराना है।
हिंसा में अब तक 44 लोगों की मौत हुई है, जबकि छह लाशें ऐसी हैं, जिनके बारे में परीक्षण कराया जा रहा है।
डीएम और एसएसपी ने सोमवार देर शाम पत्रकारों से बातचीत में कर्फ्यू उठाने की घोषणा की। सात सितंबर को हुए दंगे के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था। पांच दिन तक कर्फ्यू में ढील दी गई।
डीएम ने कहा कि शहर के हालात पूरी तरह सामान्य हैं। एक-दो दिन में सेना को वापस करने पर भी फैसला लिया जाएगा।
एसएसपी के मुताबिक स्कूल, कॉलेज और प्रतिष्ठानों के खुलने पर किसी तरह की रोक नहीं रहेगी। स्कूल खुलने और छुट्टी के समय सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। आगामी कुछ दिनों तक शराब के ठेकों पर शाम सात बजे के बाद खोलने पर प्रतिबंध रहेगा।