कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा के लिए सपा को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा है कि मुजफ्फरनगर के हालात गुजरात से भी खराब हैं।
अल्वी ने मुजफ्फरनगर दंगे पीड़ित लोगों के लिए लोनी में बनाए गए एक शिविर का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया हालांकि बाद में उन्हें उत्तर प्रदेश सीमा पर छोड़ दिया।
उनके साथ कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता भी थे। उन्होंने कहा कि हिंसा से प्रभावित लोगों की हालत बहुत खराब है। पीड़ितों की एफआईआर नहीं लिखी जा रही है।
प्रशासन ने शिविरों में रह रहे जिन 2000 व्यक्तियों को उनके घरों को वापस भेजा था। उनमें से 73 आज फिर शिविर में वापस आ गए हैं। राशिद अल्वी ने कहा कि करीब पचास हजार लोग शिविरों में रह रहे हैं।
राज्य सरकार को इन लोगों के लिए भोजन-पानी की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए। अल्वी ने कहा कि वह 2002 दंगों के समय गुजरात भी गए थे और उनका मानना है कि मुजफ्फरनगर के हालात गुजरात से भी खराब है।
उन्होंने अखिलेश सरकार पर नकारा होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुजफ्फनगर की घटनाओं के लिए सांप्रदायिक ताकतों के साथ ही सपा भी जिम्मेदार है।