घर में नन्हीं किलकारी गूंजे, इस बारे में अगर आपने सोचना शुरू कर दिया है तो महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने का आसान उपाय आप जरूर जानने चाहेंगे।
पैरों में बिछिया न सिर्फ विवाहित महिलाओं के सोलह श्रृंगार का हिस्सा हैं बल्कि महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ाने में बहुत अहम भूमिका निभा सकता है।
आयुर्वेद में बिछिया के इस महत्व को समझा गया है और यही वजह है कि हमारी संस्कृति में विवाहित महिलाओं के लिए इसे पहनने का विधान है।
मर्म चिकित्सा
इस बारे में आयुर्वेदिक डॉक्टर आकाश परमार बताते हैं, ”आयुर्वेद की मर्म चिकित्सा में महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए बिछिया के महत्व को माना गया है। साइटिक नर्व की एक नस को बिछिया दबाती है जिस वजह से आस-पास की दूसरी नसों में रक्त का प्रवाह तेज होता है और यूटेरस, ब्लैडर व आंतों तक रक्त का प्रवाह ठीक होता है।”
यही वजह है कि आयुर्वेद व चीनी एक्यूप्रेशर चिकित्सा में बिछिया को महिलाओं की फर्टिलिटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण माना गया है।
प्रजनन तंत्र का संतुलन
दोनों पैरों की दूसरी और तीसरी उंगली में बिछिया पहनने से सिएटिक नस का दबाव बढ़ता है और इस वजह से आसपास की नसें जो यूटेरस व प्रजनन तंत्र से जुड़ी हैं, इनमें रक्त प्रवाह ठीक रहता है और यूटेरस का संतुलन बना रहता है।
मासिक चक्र
हालांकि इस विषय पर अभी कई शोध हो रहे हैं लेकिन आयुर्वेद में इसे मासिक चक्र को नियमित और आसान बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण माना गया है। मासिक चक्र संतुलितऔर नियमित रहना का गहरा संबंध प्रजनन क्षमता से भी है।