पटना। राज्य मंत्रिमंडल ने कुल 38 में से 33 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार सुबह कैबिनेट की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया। उल्लेखनीय है कि सूखे से संकट की स्थिति में राज्य सरकार पहले ही किसानों के लिए डीजल अनुदान की स्वीकृति दे चुकी है। इस मद में राशि भी निर्गत की जा चुकी है।
वस्तुत: बाढ़ और सुखाड़ बिहार के लिए साल-दर-साल की त्रासदी हैं। कोसी, गंगा और दूसरी नदियों की ऊफान से हाल-फिलहाल निचले इलाकों में त्राहिमाम मची थी। उससे पहले से ही राज्य के आधे से अधिक क्षेत्रों में फसलों पर संकट का दौर था। वजह बारिश का सामान्य से बेहद कम होना। बीच में मानसून को सक्रिय देख एक बार फिर किसानों को उम्मीद बंधी थी, लेकिन वह हल्की बूंदा-बांदी तक सिमट कर रह गया।
गौरतलब है कि राज्य के लगभग तीन चौथाई क्षेत्र में बारिश की न्यूनतम मात्रा से भी महरूम रही फसलें सूख रही हैं। विशेषकर धान के लिए संकट की स्थिति है।