पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली सप्ताह में एक दिन सार्वजनिक वाहन से दफ्तर पहुंच कर लोगों को तेल बचाने के लिए प्रेरित करेंगे।
उन्होंने कहा कि वह 9 अक्तूबर से हर बुधवार को सार्वजनिक वाहन से दफ्तर पहुंचेंगे। इसके साथ ही उनके मंत्रालय के सभी अधिकारी भी ऐसा करेंगे।
तेल आयात बिल में पांच अरब डॉलर की बचत करने के लक्ष्य के तहत मोइली ने यह पहल की है।
तेल बचाने की इस मुहिम में मोइली मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रालयों और सार्वजनिक उपक्रमों को भी जोड़ना चाहते हैं। उनका कहना है कि ये भी सप्ताह में एक दिन बस डे घोषित कर कर्मचारियों को सार्वजनिक वाहन इस्तेमाल के लिए प्रेरित करें।
बहरहाल, मोइली बुधवार का या तो बस या फिर मेट्रो से दफ्तर जाएंगे। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय जल्द ही इस सिलसिले में एक सर्कुलर जारी करेगा।
इसमें मंत्रालय और इससे जुड़ी ओएनजीसी और इंडियन ऑयल समेत 14 सार्वजनिक कंपनियों के अधिकारियों से हर बुधवार सार्वजनिक वाहन इस्तेमाल करने की अपील की जाएगी।
मोइली ने कहा कि यह मर्जी से उठाया जाने वाला कदम है। इसके लिए किसी को दंडित नहीं किया जा सकता लेकिन मैं चाहूंगा कि हर छोटा-बड़ा अफसर हर बुधवार को पब्लिक ट्रांसपोर्ट से दफ्तर पहुंचे।
चालू खाते के घाटे को बढ़ाने के जिम्मेदार तेल आयात बिल को कम करने के लिए मोइली बस डे जैसे उपाय समेत छह सप्ताह का तेल बचाओ अभियान शुरू करेंगे।
उन्हें उम्मीद है कि तेल और गैस बचाने के लिए शुरू होने वाले जागरुकता अभियान से तेल आयात बिल में पांच अरब डॉलर की कमी आ सकती है।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत ने तेल आयात पर 144.29 अरब डॉलर खर्च किए थे। चालू खाता घाटा पर इसका सबसे बड़ा असर पड़ता है।