यूपीए सरकार सजायाफ्ता सांसदों और विधायकों को बचाने के लिए लाया गया अध्यादेश प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के देश लौटते ही वापस ले लेगी।
शुक्रवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत में इस मुद्दे पर सहमति बनी है।
सूत्रों के मुताबिक, मनमोहन सिंह के न्यूयॉर्क से वापस लौटने के बाद कांग्रेस आलाकमान की बैठक में प्रस्ताव वापस लेने से संबंधित औपचारिकताओं पर चर्चा होगी।
इसके बाद कैबिनेट बैठक में अध्यादेश वापस लेने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा और उसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया जाएगा। इस मामले में किसी भी मंत्री के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की संभावना नहीं है।
गौरतलब है कि साजायाफ्ता सांसदों और विधायकों को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति के पास एक अध्यादेश भेजा है।
ये अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के विरोध में तैयार किया गया है, जिसमें कहा गया है कि दो साल की सजा पाए सांसद-विधायक दोषी करार दिए जाते ही अयोग्य माने जाएंगे।
भाजपा समेत विपक्ष की कई पार्टियां अध्यादेश का जबर्दस्त विरोध कर रही हैं।
राहुल गांधी ने किया अध्यादेश का विरोध
शुक्रवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी इस विधेयक के विरोध में आ गए। उन्होंने इस अध्यादेश को बकवास बताया और कहा कि इसे फाड़ कर फेंक देना चाहिए।
राहुल के बयान के बाद कांग्रेस समेत सरकार सकते में आ गई। अध्यादेश का समर्थन कर रहे कई मंत्री एकाएक इसके विरोध में आ गए।
हालांकि भाजपा ने राहुल के बयान की तीखी आलोचना की और इसे नौटंकी करार दिया।