नई दिल्ली। करोड़ों रुपए के चारा घोटाले से जुड़े एक मामले को लेकर सीबीआइ की विशेष अदालत ने सोमवार को लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्र सहित 45 आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट से फैसले आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने उग्र होकर कहा कि हमारे नेता को फंसाने की साजिश है। हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे और जनता की अदालत में भी जाएंगे।
वहीं, दूसरी तरफ अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा है कि यह फैसला देर से तो आया है, लेकिन सही है।
वहीं, जदयू के नेता साबिर अली ने कहा है कि इस फैसले के बाद लोगों की न्यायपालिका पर आस्था बढ़ेगी, जो ये मानते थे कि नेताओं को कभी सजा नहीं मिलती।
इस फैसले को लेकर भाजपा और जदयू के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस मामले में सत्रह साल बाद न्याय मिला। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एक कहावत कहा कि ‘बोया पेड़ बबूल का तो आम कहा से होए।’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस मामले में लालू प्रसाद यादव को बचाने की पूरी कोशिश की थी। उधर, रघुवंश प्रसाद ने कहा कि इस फैसले से पार्टी की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि फायदा ही होगा।
आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता ऐसे मुकाम पर है जहां उसे पता है कि 2014 के आम चुनाव में हम सबसे अग्रणी भूमिका में हैं। वहीं, लालू के समर्थक पटाखे लेकर उनके घर पहुंचे थे, लेकिन फैसला सुनाए जाने के बाद सभी मायूस हो गए।
दरअसल चारा घोटाला का मामला चाईबासा कोषागार से गबन का है। इस मामले में अदालत तीन अक्टूबर को लालू को सजा सुनाएगी। अदालत का फैसला आने के बाद लालू यादव और जगन्नाथ मिश्र को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। गौरतलब है कि इस मामले में यादव और मिश्र को तीन साल की सजा हो सकती है।