पाकिस्तान: चर्च पर फिदायीन हमला, 78 की मौत
पेशावर। केन्या के नैरोबी में अंधाधुंध गोलीबारी की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक ऐतिहासिक चर्च के बाहर दो आत्मघाती हमलावरों ने प्रार्थना कर बाहर निकलती भीड़ के बीच खुद को 30 सेकेंड के अंतराल पर उड़ा लिया। इस फिदायीन हमले में महिलाओं और बच्चों समेत 78 लोगों की मौत हो गई, जबकि 130 घायल हुए। धमाके इतने जबरदस्त थे कि नजदीकी इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो गई। रविवार होने के कारण चर्च में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी। इसे पाकिस्तान के इतिहास में किसी चर्च पर अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के जनदुल्ला समूह ने जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि ये धमाके अमेरिका के ड्रोन हमलों का बदला हैं।
पेशावर के आयुक्त साहिबजादा मुहम्मद अनीस ने बताया कि शहर के कोहाटी गेट स्थित 130 वर्ष पुराने व्हाइट-स्टोन ऑल सेंट चर्च को दो आत्मघाती हमलावरों ने निशाना बनाया। उन्होंने चर्च के बाहर भीड़ के बीच खुद को विस्फोट कर उड़ा लिया। घटना के समय चर्च के अंदर 600 से 700 लोग मौजूद थे। हालांकि, एक श्रद्धालु ने चर्च में 2,500 लोगों के होने का दावा किया है।
हमले में तीन से आठ वर्ष के चार बच्चों के साथ ही एक मुस्लिम पुलिस अधिकारी की भी मौत हो गई। बम निरोधक दस्ते के एआइजी शफाकत महमूद के मुताबिक हमलावरों ने अपने शरीर पर छह-छह किलो विस्फोटक बांधा हुआ था। उन्होंने बताया कि दोनों हमलावरों का सिर मिल गया है। हमले में घायलों को स्थानीय सरकारी अस्पताल लेडी रीडिंग में भर्ती कराया गया है। हमले से गुस्साए अल्पसंख्यक ईसाइयों ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन करने के साथ ही शवों को रखकर जीटी रोड पर जाम भी लगाया।
हमले के काफी देर बाद जनदुल्ला समूह के प्रवक्ता अहमद मरवात ने जिम्मेदारी जेले हुए कहा कि जब तक अमेरिका ड्रोन हमले बंद नहीं करता, तब तक जहां मौका मिलेगा गैरमुस्लिमों को निशाना बनाना जारी रहेगा। लेडी रीडिंग अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरशद जावेद ने बताया कि हमले में 70 लोगों की मौत हुई है, जबकि 120 घायल हैं। पेशावर में सभी अस्पतालों में आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई है। खैबर पख्तूनख्वा के सत्तारूढ़ दल तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान और मुख्यमंत्री परवेज खट्टक के साथ ही अवामी नेशनल पार्टी नेता मियां इफ्तिखार हुसैन ने अस्पताल पहुंचकर लोगों का हालचाल लिया।
गौरतलब है कि चर्च भीड़भाड़ वाले इलाके में है। इसके आसपास बड़ी तादाद में ईसाई रहते हैं, जो रविवार को चर्च में इकट्ठा होते हैं। अंतरराष्ट्रीय धर्म परिषद ने तीन दिन का शोक घोषित करने के साथ ही पेशावर में सभी मिशनरी स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का निर्देश दिया है।
किसने, क्या कहा
‘आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता। ये इस्लाम की नसीहतों के खिलाफ निर्दोषों को निशाना बनाते हैं। चर्च पर हमले से उनकी अमानवीय सोच और क्रूरता पता चलती है।’
-नवाज शरीफ, प्रधानमंत्री, पाकिस्तान
‘ये धमाके अमेरिकी ड्रोन हमलों का बदला हैं। जब तक अमेरिका ड्रोन हमले बंद नहीं करता, तब तक जहां मौका मिलेगा गैरमुस्लिमों को निशाना बनाना जारी रहेगा।’
-अहमद मरवात, प्रवक्ता, जनदुल्ला समूह