साकेत फास्ट ट्रैक अदालत में शुक्रवार को जब दोषियों को लाया गया, तो उनके चेहरे पर साफ पढ़ा जा सकता था कि उन्हें अपना काल साफ दिख रहा है।
मंगलवार को दोषी ठहराए जाने और बुधवार को सजा पर बहस के दौरान इन चार में से एक विनय रोने लगा था। लेकिन आज जब जज ने दोषियों को सजा-ए-मौत सुनाई, तो सभी बिलख पड़े।
कोर्ट में मौजूद ज्यादातर लोग जज के इस फैसले से बेहद खुश थे और उनके चेहरे पर मुस्कुराहट खेल गई। कुछ ऐसे भी थे, जिनकी आंखें छलक गईं। लेकिन यह आंसू खुशी के आंसू थे।
दुख के आंसू सिर्फ दोषियों की आंखों से झर रहे थे। इस मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए साकेत कोर्ट में आज सुरक्षा के कड़े इंतजामात किए थे। परिसर के बाहर और भीतर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था।
ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि अगर अदालत का आदेश फांसी नहीं आता, तो अदालत के बाहद मौजूद भीड़ काबू से बाहर हो सकती है।
लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। अदालत में जज तय वक्त से एक मिनट पहले अपना आदेश सुनाया, तो अदालत के भीतर माहौल बदल गया।
यही नहीं जब यह खबर बाहर तक पहुंची, तो अदालत के बाहर मौजूद भीड़ में खुशी की लहर दौड़ गई। पुलिस अधिकारियों ने फैसला सुनाए जाने के बाद तुरंत बाद सभी दोषियों को वहां से जल्द से जल्द बाहर निकाल लिया गया।