जम्मू – ‘हीरानगर पुलिस स्टेशन व सांबा के सैन्य शिविर पर आत्मघाती हमला करने वाले आतंकी सेना को ही निशाना बनाना चाहते थे। हीरानगर पुलिस स्टेशन में खून की होली खेलने से पहले आतंकियों ने करीब डेढ़ घंटे तक सेना के शिविर की तलाश की थी। ये आतंकी आधुनिक हथियारों, मोबाइल फोन, कंपास से लैस थे। उनके पास क्षेत्र का नक्शा भी था, जिसे देखकर वह रास्ते की जानकारी दे रहे थे।’
आतंकी हमले में घायल गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज में भर्ती थ्री ह्वीलर चालक रोशन लाल ने जागरण से बातचीत में यह जानकारी दी। गुरुवार को जम्मू संभाग में दो स्थानों पर दस लोगों की हत्या करने वाले तीन आतंकी हरियाचक गांव निवासी रोशन लाल के थ्री ह्वीलर से ही हीरानगर थाना पहुंचे थे। वे राइफल की नोक पर रोशन लाल को लेकर सेना के शिविर की तलाश में काफी देर तक घूमते रहे। जब वह नहीं मिला तो थाने पर उन्होंने हमला बोला। रोशन लाल ने बताया कि वह गुरुवार सुबह पांच बजे अपने थ्री ह्वीलर को लेकर जैसे ही हरियाचक से बाहर सड़क पर पहुंचा तो वहां सेना की वर्दी में मौजूद तीन आतंकियों ने उसे राइफल दिखाकर रोक लिया। एक आतंकी उसके साथ आगे बैठ गया, जबकि बाकी के दो पीछे बैठ गए। आगे बैठे आतंकी ने उसकी कनपटी पर राइफल की नली लगाकर सेना के शिविर में ले चलने को कहा। रोशन के अनुसार, आतंकी पंजाबी और गोजरी भाषा बोल रहे थे और वे इस क्षेत्र से पूरी तरह से अंजान थे। वह आतंकियों के इरादे भांप गया, इसलिए उन्हें गुमराह करने के लिए बताया कि इलाके में सेना का कोई शिविर है ही नहीं और वह इस इलाके के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानता।
इसके बाद आतंकियों ने उसे जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने को कहा, लेकिन उसने यह कहकर थ्री ह्वीलर को वहां ले जाने से इन्कार कर दिया कि गाड़ी में इतना ईंधन नहीं है कि वह इतनी दूर जा सके। इसके बाद भी आतंकी उसे करीब डेढ़ घंटे तक अपने साथ घुमाते रहे, लेकिन जब उनकी नजर हीरानगर पुलिस थाने पर पड़ी तो उन्होंने थ्री ह्वीलर वहीं रुकवा लिया। इसके बाद आतंकी रोशन व पुलिस स्टेशन के पास पीसीओ चलाने वाले एक युवक को गोलियां मारते हुए थाने में घुस गए। रोशन के कंधे व टांग में गालियां लगीं और वह करीब आधा घंटे थाने के बाहर ही घायल अवस्था में पड़ा रहा। इस दौरान आतंकी थाने में खूनी खेल खेलने के बाद वहां से ट्रक लेकर फरार हो गए।
सांबा में तलाशी अभियान जारी
कठुआ के हीरानगर और सांबा के महेश्वर में आत्मघाती आतंकी हमलों के बाद शुक्त्रवार को भी सांबा व आसपास के सीमांत इलाकों में सेना और बीएसएफ का तलाशी अभियान जारी रहा। सेना की नौ कोर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी बख्शी ने सेना की 29 डिवीजन के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श कर हालात का जायजा लिया। दूसरी ओर सीमा सुरक्षाबल के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी शुक्त्रवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा की समीक्षा की। इन इलाकों में अतिरिक्तनाके लगाने के साथ सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। सांबा में आत्मघाती हमले में शहीद हुए राजस्थान के झुनझुनूं इलाके के सिपाही इंदरा सिंह के शव को शुक्रवार सुबह पूरे सैन्य सम्मान के साथ विमान से उनके पैतृक गांव भेज दिया गया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू के तकनीकी हवाई अड्डे पर शहीद को श्रद्धांजलि दी। चंडीगढ़ निवासी शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल विक्रमजीत सिंह, आंध्र प्रदेश के चितूर जिले के सिपाही किरण कुमार रेड्डी व आंध्र प्रदेश के विजिलनगिरी के मीसाला श्रीनिवास के शवों को गुरुवार को ही भेज दिया गया था। इस आतंकी हमले से सेना और पुलिस महकमा सतर्क हो गया है।