दो युवकों ने एक किशोरी को अगवा कर रात भर गैंगरेप किया। सुबह पीड़िता जब थाने पहुंची तो उसे वहां से भगा दिया गया। गांव में चुपचाप पंचायत करके मामला रफा-दफा करने की कोशिश की गई।
पंचायत ने किशोरी की इज्जत की कीमत डेढ़ लाख लगाकर उसे चुप रहने की हिदायत तक दे डाली। मामला जब उच्च अधिकारियों तक पहुंचा तो स्थानीय पुलिस हरकत में आई और आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले का है।
पीड़िता अपनी विधवा मां और छोटे भाई के साथ लोनी के एक गांव में अपनी बड़ी बहन के घर रहती है। दो माह पूर्व ही यह परिवार यहां रहने आया है। किशोरी का आरोप है कि गांव के ही मोहित और मोजीपाल ने उसे सोमवार शाम उस समय जबरन अपनी बाइक पर बैठा लिया, जब वह शौच करने जा रही थी।
आरोपी उसे जंगल में बने एक कमरे में ले गए, जहां रात भर उससे दुष्कर्म किया। मंगलवार दोपहर 12 बजे आरोपी उसे ट्रॉनिका सिटी में छोड़कर फरार हो गए।
जुबान बंद रखने का दबाव
पीड़िता रोती-बिलखती पुलिस चौकी पहुंची। वहां उसने मामले की जानकारी देकर आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की, लेकिन पुलिस उसे गांव में छोड़ आई।
मंगलवार शाम ही परिजन किशोरी को पुस्ता चौकी लेकर पहुंचे, मगर पुलिस ने फिर टरका दिया। पता चला है कि रात में गांव के दबंगों ने पंचायत बुलाई और मां बेटी को डेढ़ लाख रुपए की पेशकश करते हुए जुबान बंद रखने का दबाव बनाया।
पीड़ित परिवार ने पुलिस के आलाधिकारियों से गुहार लगाई तो लोनी पुलिस हरकत में आई और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
इंस्पेक्टर गोरखनाथ यादव ने बताया कि मंगलवार को मां-बेटी ने कानूनी कार्रवाई से इंकार किया था। बुधवार को उन्होंने आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि मामला संदिग्ध प्रतीत होता है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।