सीबीआई कोर्ट ने चारा घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को सोमवार को तगड़ा झटका दिया।
रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने लालू समेत सभी 45 आरोपियों को दोषी करार दिया है। लालू को बिरसा मुंडा जेल भेजा गया है। उनके अलावा 37 अन्य दोषियों को जेल भेजा गया।
लालू के बेटे और आरजेडी के नए चेहरे के रूप में सामने आए तेजस्वी ने इस मौके पर कहा, ‘हमारे नेता को फंसाने की साजिश रची गई है। हम जनता की अदालत में जाएंगे और हाई कोर्ट में अपील करेंगे।”
राष्ट्रीय जनता के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह से जब पूछा गया कि अदालत के फैसले का आरजेडी के नेतृत्व पर क्या असर होगा, तो उन्होंने कहा, “कोई असर नहीं पड़ेगा। लालू ने हमेशा दलितों और पिछड़ों की लड़ाई लड़ी है और हम आगे भी यही करना जारी रखेंगे।
उधर इस फैसले से सीबीआई खुश है। जांच एजेंसी ने कहा, “हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। सीबीआई ने इस मामले में बढ़िया पैरवी की।”
लालू के विरोधियों ने भी अदालत के निर्णय पर खुशी जताई हैं। भाजपा महासचिव राजीव प्रताप रूडी ने कहा, “इस मामले में लंबे वक्त बाद आखिरकार न्याय मिला। आज का दिन पूरे देश, खास तौर पर बिहार के लोगों के लिए न्याय का दिन है।”
रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने सभी 45 आरोपियों को दोषी करार दिया है।
अदालत सभी दोषियों की सजा पर 3 अक्टूबर को फैसला सुनाएगी। सीबीआई कोर्ट का फैसला लालू के लिए बड़ा सिरदर्द लेकर आया है, क्योंकि वह अपनी संसद सदस्यता से भी हाथ धो सकते हैं।
जिन धाराओं के तहत उन्हें दोषी पाया गया है, उसके तहत उन्हें तीन से सात साल जेल हो सकती है।
उन पर चाईबासा कोषागार से फर्जी तौर-तरीके से 37.7 करोड़ रुपए निकालने का इल्जाम है। सीबीआई के वकील का कहना है कि लालू को इस मामले में कम से कम चार साल जेल हो सकती है।
950 करोड़ रुपए के चारा घोटाले सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने फैसला 17 सितंबर को सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में लालू के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र समेत 44 अन्य आरोपी थे।
इससे पूर्व लालू प्रसाद अपने कुल देवताओं और बाबाओं का आशीर्वाद लेते हुए फैसला सुनने के लिए अपने लाव लश्कर के साथ रविवार शाम पटना से विमान के जरिए रांची पहुंचे थे।