नई दिल्ली। नए कंपनी कानून के मुताबिक कंपनियों के परिचालन और नियमन में बदलाव के लिए नए नियम तैयार किए गए हैं। ये नियम लागू होने पर कारोबारी क्षेत्र में कानूनी रूप से रिश्तेदार माने जाने वालों की सूची भी बदल जाएगी। बेहतर कॉरपोरेट गवर्नेस के लिए रिश्तेदारों की सूची में यह बदलाव किए जाएंगे। रिश्तेदारों की नई सूची में बहू और सौतेले पिता को शामिल किया गया है।
नई सूची में हिंदू अविभाजित परिवार के सदस्यों को पहले की तरह बरकरार रखा गया है। कॉरपोरेट गवर्नेस से जुड़े मामलों में रिलेटेड पार्टी की परिभाषा का काफी महत्व होता है। कंपनियों को अपने शीर्ष एक्जिक्यूटिव्स के रिश्तेदारों को कंपनी बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक नियुक्त करने की अनुमति नहीं है। साथ ही रिलेटेड पार्टी के साथ कारोबारी सौदों में भी सख्त डिस्क्लोजर नियम लागू होते हैं। रिश्तेदारों की यह सूची नया कंपनी कानून 2013 लागू करने के लिए प्रस्तावित विस्तृत नियमों में शामिल है। इस कानून को देश में कॉरपोरेट क्षेत्र के नियमन के छह दशक पुराने कानून की जगह लागू किया जाना है। रिश्तेदारों की सूची में यह बदलाव विभिन्न सरकारी विभागों, उद्योगों, स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा सुझाए गए हैं। मौजूदा नियमों के तहत रिश्तेदारों की सूची में लोगों की 23 श्रेणियां शामिल है, जबकि नई सूची में इन्हें 15 श्रेणियों में सूचीबद्ध किया गया है।