आध्यात्मिक गुरु आसाराम बापू की गिरफ्तारी ने जहां मीडिया और उनके समर्थकों के बीच बवाल बढ़ा दिया है, वहीं इसी मुद्दे पर सियासत की बिसात पर भाजपा-कांग्रेस के बीच भी तलवारें खिंच गई हैं।
भाजपा नेता सुषमा स्वराज और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया। और जंग का मैदान ट्विटर है।
इसकी शुरुआत तब हुई, जब सिंह ने ट्विटर पर हैरानी जताई कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में सबसे पहले आवाज उठाने वाली लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज आसाराम पर चुप्पी क्यों साधे हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुषमा ने रविवार को ट्विटर पर लिखा, “मैंने विदिशा में कल मीडिया से कहा था। हमारे देश में कानून है, जो सभी के लिए समान है…कोई छोटा या बड़ा नहीं है। और कानून अपना काम करेगा।”
लेकिन सिंह नहीं रुके। उन्होंने फिर कहा, “यह भाजपा के दोहरे मानक दिखाता है, जो किसी और के शामिल होने पर ऐसे मुद्दों पर हो-हल्ला मचाती है, लेकिन जब उनमें से कोई शामिल होता है, तो वे चुप्पी साध लेते हैं।”
उन्होंने मोदी पर भी निशाना साधा। सिंह ने कहा, “अगर नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि न्याय मिले, तो सबसे पहले आसाराम के आश्रम में दो बच्चों की मौत से जुड़ी न्यायिक आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए, जो गुजरात सरकार के पास है।”