नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के आरोप में जेल में बंद आसाराम बापू की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है।
हिमाचल सरकार के आदेश पर शिमला से राजस्व विभाग की विशेष टीम शुक्रवार को पांवटा पहुंची और आसाराम के आश्रम की कुटिया, साथ लगते श्रीकृष्ण व हनुमान मंदिर, प्रवचन हॉल समेत आश्रम की जमीन को कब्जे में ले लिया। इससे आसाराम के अनुयायियों में दिनभर हड़कंप मचा रहा।
शुक्रवार सुबह 11 बजे राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार (सेल्स) शिमला रविंद्र कुमार कंवर, कानूनगो मस्तराम व कनिष्ठ सहायक सुरेंद्र कुमार की टीम मौके पर पहुंची।
साथ में पांवटा के तहसीलदार बलबीर सिंह गर्ग, पटवारी कमलेश चौहान व पुलिस टीम भी मौजूद रही। दोनों टीमों ने आसाराम के आश्रम की पैमाइश करने के बाद 14 बीघा 6 बिस्वा जमीन को कब्जे में ले लिया।
वर्ष 1947 में यह जमीन स्थानीय लोगों के नाम थी। इनमें से कुछ लोग पाकिस्तान चले गए। इसके बाद जमीन केंद्र सरकार के अधीन हो गई थी।
इसमें वर्ष 2002-03 में पहले 11 बीघा 2 विस्वा, फिर 3 बीघा 2 विस्वा जमीन आश्रम ट्रस्ट को दी गई। इस जमीन पर प्रवचन हॉल, आसाराम की कुटिया, साथ लगते परिसर में श्रीकृष्ण व हनुमान मंदिर थे।
आश्रम व परिसर में स्थापित इकाई भूमि में धारा 118 व बेनामी सौदे की आशंका भी जताई जा रही थी।
सीएम के आदेश पर हुई कार्रवाई
पिछले दिनों नाहन प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आश्रम की जमीन जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी तहसीलदार पांवटा बीएस गर्ग की टीम ने भूमि की पैमाईश की थी।
इसमें आश्रम परिसर में करीब 30 बीघा व 11 विस्वा पर कब्जा मिला। इसमें ट्रस्ट के नाम से खरीदी जमीन करीब 14.6 बीघा और शेष भूमि उनके भक्तों के नाम रजिस्ट्री करवा कर ली गई।
इससे पहले प्रदेश के मुख्य बंदोबस्त आयुक्त शिमला ने आश्रम की जमीन वापस लेने के आदेश दिए थे।