आसाराम की जमानत के लिए समर्थकों ने चली ये चाल, पर.

20_09_2013-asaram19शाहजहांपुर,  आसाराम बापू की जमानत का सिरा तलाशने के लिए उनके अनुयायियों ने शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) में जाल बिछा दिया है। उनकी पूरी कोशिश दुष्कर्म पीड़ित छात्रा को बालिग साबित करने वाले सुबूत जुटाने की है। इसके लिए बाकायदा नगर पालिका और एक विद्यालय से छात्रा के फर्जी प्रमाणपत्र हासिल करने की भी कोशिश की गई। हालांकि पुलिस में शिकायत पहुंचने पर उन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी।

जोधपुर जेल में बंद आसाराम की जमानत पर एक अक्टूबर को सुनवाई होनी है। उनके वकील राम जेठमलानी ने उन्हें जमानत दिलाने के लिए पीड़िता को विक्षिप्त और बालिग बताया है। तथ्यों को सिद्ध करने के लिए सुबूत जुटाने को कथावाचक के अनुयायी 18 सितंबर को यहां लखनऊ, बरेली और अहमदाबाद से पहुंच गए। उन्होंने एक विद्यालय के प्रधानाचार्य को फोन करके पीड़िता के बालिग होने का प्रमाणपत्र जारी करने का दबाव बनाया।

इस पर प्रधानाचार्य ने चौक कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक को सूचना दे दी। इसी तरह का प्रयास नगरपालिका में भी किया गया। योग वेदांत सेवा समिति, लखनऊ के लेटर पैड के जरिये पालिका प्रशासन को पत्र भेजकर पीड़िता का 24 घंटे के अंदर जन्म प्रमाणपत्र मांगा गया। वहीं, पीड़िता के पिता ने बताया कि उन्हें आसाराम के गुर्गो के षड़यंत्र की सूचना बुधवार को ही मिल गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी शैक्षिक प्रमाणपत्र की जन्मतिथि को ही अधिकृत माना है। शैक्षिक अभिलेखों के आधार पर बेटी 16 साल की है।

वहीं दूसरी ओर जोधपुर जेल में बंद आसाराम की मुश्किलें भले ही बढ़ती जा रही हों लेकिन उनके समर्थकों की आस्था कम नहीं हो रही। पूर्णिमा के मौके पर अपने ‘गुरु’ आसाराम का दर्शन करने के लिए जेल के बाहर हजारों समर्थक जमा हुए हैं। समर्थक सिर्फ एक बार आसाराम का दर्शन करना चाह रहे हैं। जेल प्रशासन ने जब इसकी इजाजत नहीं दी तो वे जेल के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं और जाप कर रहे हैं। समर्थकों की भीड़ के मद्देनजर पुलिस बल तैनात किए गए हैं।

इस बीच आसाराम अथवा उनके निकटस्थों द्वारा ‘किसी को प्रभावित करने के लिए डील किए जाने’ और इसके लिए समर्थकों द्वारा करोड़ों रुपये जोधपुर पहुंचने की सूचना के बाद आयकर विभाग के अधिकारी चौकन्ना हो गए। एक टीम तलाशी के लिए पांच सितारा होटल विवांता पहुंची। टीम ने दो कमरों को खंगाला, लेकिन वहां कुछ भी हाथ नहीं लगा।