आरुषि-हेमराज मर्डर केस में सोमवार को डिफेंस की ओर से लंदन के डीएनए एक्सपर्ट डॉ. आंद्रे सेमीखोस्की ने अपने बयान कोर्ट में दर्ज कराए।
सीबीआई विशेष न्यायाधीश एस. लाल की कोर्ट में चली कार्रवाई में डॉ. आंद्रे ने हैदराबाद फोरेंसिक लैब के डीएनए एक्सपर्ट डॉ. बीके महापात्रा की डीएनए टेस्ट रिपोर्ट पर सवालिया निशान लगाया।
गवाह का कहना था कि अंतर्राष्ट्रीय फोरेंसिक कमेटी के मानक स्तर पर डॉ. महापात्रा ने टेस्ट नहीं किया। ऐसे में उसके गलत होने की पूरी आशंका है।
गवाह के बयान मंगलवार को भी दर्ज किए जाएंगे। सीबीआई की ओर से वरिष्ठ लोक अभियोजक आरके सैनी और बीके सिंह कोर्ट में उपस्थित रहे।
सोमवार सुबह आरुषि-हेमराज मर्डर केस के आरोपी तलवार दंपति अपने गवाह डॉ. आंद्रे के साथ विशेष न्यायाधीश एस. लाल की कोर्ट में पेश हुए।
पहले गवाह ने अपनी एजूकेशन और कार्य से संबंधित परिचय कोर्ट को दिया। उन्होंने बताया कि 2009 और 2010 में डॉ. नूपुर तलवार ने उनसे ईमेल पर संपर्क किया था।
गवाह ने कहा कि इस केस से संबंधित डीएनए टेस्ट का रफ डाटा उसे नहीं दिया गया है। ऐसे में अपनी कोई राय नहीं दे सकता।
जो डाटा उसे उपलब्ध कराया गया है, उसे देखकर साफ तौर पर कहा जा सकता है कि डॉ. बीके महापात्रा ने अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय अंतर्राष्ट्रीय फोरेंसिक कमेटी के मानक का ध्यान नहीं रखा। ऐसे में रिपोर्ट के गलत होने की आशंका है।
गवाह का कहना था कि कोई भी फोरेंसिक साइंटिस्ट जब किसी डीएनए विश्लेषण करता है तो मौजूद सबूतों को ‘रेंडम मैच प्रोबाबिल्टी (आरएमपी) किया जाता है, जबकि डॉ. महापात्रा ने ऐसा नहीं किया।
डॉ. महापात्रा ने कोर्ट में कहा है कि उसने कोई रफ डेटा नहीं रखा। जबकि बिना रफ डेटा एकत्र किए किसी भी डीएनए पर अपनी रिपोर्ट देना संभव नहीं है।
गवाह ने कोर्ट से गुजारिश की कि वह घटनास्थल से सीज की गई बेलेंटाइन बोतल, खुखरी, तकिए का कवर और कटा हुआ दीवार का टुकड़ा देखना चाहता है, जिससे यह समझा जा सके कि साक्ष्य के तौर पर सीबीआई द्वारा सीज की गईं इन वस्तुओं से ‘टच डीएनए’ जनरेट हो सकता है या नहीं।
कोर्ट ने सीबीआई को चारों चीजें मंगलवार को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा डिफेंस के अधिवक्ता तनवीर अहमद मीर और मनोज शिशौदिया की ओर से एक अर्जी देकर डॉ. बीके महापात्रा को दोबारा कोर्ट में तलब किए जाने की अर्जी दी गई।
मंगलवार को कोर्ट इस अर्जी पर सुनवाई कर सकती है।