लखनऊ – मुजफ्फरनगर के दंगों को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री आजम खां बुरी तरह घिर गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभारी मंत्री के नाते मुजफ्फरनगर के दंगों पर अधिकारियों से संपर्क साधा था लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। वैसे आजम खां के राजनीतिक रसूख और उनके तेवरों को जानने वालों के लिए उनकी इस लाचारी भरी बात पर भरोसा कर पाना जरा मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि उनके पास खोने ले लिए मंत्री पद के सिवाय कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में दंगा होने की खबर से उनका दिल तपड़पता रहा। प्रभारी मंत्री के नाते अफसरों से कहता रहा, उन्हें राय देता रहा, मगर उस पर अमल नहीं हुआ। कुर्सी पर बैठकर अफसर तो कहलाया जा सकता है लेकिन अफसरी नहीं की जा सकती। ़ पार्टी व मुख्यमंत्री से नाराजगी के सवाल पर आजम ने कहा, मुलायम सिंह यादव ने धर्म निरपेक्षता के लिए बहुत कुर्बानी दी है। उनके साथ मेरा जज्बाती और वैचारिक रिश्ता है। एक दूसरे के लिए कुछ भी करने का जज्बा है। सरकार में मेरे अदब, एहतराम में कोई कमी नहीं है। विभागों में मेरे अख्तियार में कमी नहीं।
समाजवादी पार्टी में सबको सुनने और बर्दाश्त करने की काबिलियत है। मुख्यमंत्री से जिस सूझ-बूझ की उनसे उम्मीद है, वह उससे बेहतर की कोशिश कर रहे हैं। इतना उर्जावान और धैर्यवान मुख्यमंत्री या नेता किसी दूसरे दल के पास नहीं है।
मुसलमानों से सपा का गहरा रिश्ता
सपा और मुसलमानों से रिश्ते पर आजम ने कहा कि लोग हल्की बातें कर रहे हैं। मुसलमानों का सपा से गहरा रिश्ता है। मुसलमानों को किसी राजनैतिक दल की नहीं, राजनैतिक दलों को मुसलमानों की जरूरत है।