लखनऊ।। खनन माफियाओं के खिलाफ अभियान के लिए चर्चा में रहीं निलंबित आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल की ‘माफी’ के बाद अखिलेश सरकार ने उन्हें बहाल कर दिया है। यूपी सरकार ने रविवार को नागपाल का निलंबन वापस ले लिया। नागपाल ने दो दिन पहले यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। तभी से चर्चा थी कि उन्होंने सीएम से माफी मांगी ली है और उनका निलंबन जल्द रद्द हो जाएगा।
गौरतलब है कि गौतमबुद्ध नगर (सदर) तहसील की एसडीएम के रूप में खनन माफियाओं के विरुद्ध अभियान चलाने के लिए चर्चा में रहीं दुर्गा शक्ति नागपाल को जुलाई में कादलापुर गांव में कथित तौर पर निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार को नियम-कानून की अनदेखी करते हुए गिरवा देने के कारण सस्पेंड कर दिया गया था।
एक ईमानदार अधिकारी को यूं सस्पेंड करने पर अखिलेश सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। महीने भर तक दुर्गा शक्ति नागपाल का मुद्दा मीडिया में छाया रहा था और अखिलेश सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई थी। आईएएस संघ ने भी दबाव बनाने की कोशिश की थी, लेकिन अखिलेश सरकार ने अपना रुख नरम नहीं किया।
यूपी सरकार ने इस मामले की मेरठ मंडल के कमिश्नर से जांच करवाई थी। जांच में दुर्गा शक्ति पर शिकंजा सकते हुए उन्हें ही दोषी ठहराया गया था। दस पन्नों की चार्जशीट में कहा गया था कि युवा आईएएस अधिकारी ने कादलपुर गांव में निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार गिरवा देने में नियम और प्रक्रिया का पालन नहीं किया, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा पैदा हो गया था। इसके बाद दुर्गा शक्ति ने दो दिन पहले अपने पति और आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह के साथ मुख्यमंत्री के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी।