मुजफ्फरनगर दंगों पर एक स्टिंग से हुए सनसनीखेज खुलासे के बाद उत्तर प्रदेश के सीएम को भी चुप्पी तोड़नी पड़ी है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा में कहा कि मुजफ्फरनगर में हुए दंगे सोची समझी रणनीति का नतीजा हैं। इसके लिए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है।
अखिलेश ने इशारों में कह दिया कि उनके साथ विश्वासघात किया गया। अखिलेश ने भाजपा नेता हुकुम सिंह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि हुकुम दंगे के वक्त वहीं मौजूद थे। जबकि, हुकुम लगातार इस आरोप को बेबुनियाद बता रहे हैं।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा दंगों को सांप्रदायिक रंग देकर लोकसभा चुनाव में राजनीतिक फायदा उठाना चाह रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि दंगों से सिर्फ एक पार्टी ही लाभ लेने की जुगत में रहती है और इसकी क्या गारंटी है कि भारतीय जनता पार्टी भविष्य में ऐसे उपद्रव नहीं कराएगी।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा झांसी के मंदिर में क्या करना चाहती थी, यह सबको पता है। उन्होंने कहा कि यह भी लोगों को पता चल चुका है कि शामली में भी भाजपा क्या करना चाह रही है। हालांकि, उन्होंने अपने अधिकारियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि किसी भी दोषी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
अखिलेश ने निजी चैनल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन पर भी सवाल उठा दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं इस स्टिंग की असलियत जानता हूं। यह कट-पेस्ट किया गया है। इसका मकसद है सरकार को बदनाम करना।’
हुकुम ने दी थी सफाई
इसके पहले बुधवार को दिन में हुकुम सिंह ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने सभा में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं कहा था। उन्होंने कहा, “मैं वहां सिर्फ दस मिनट के लिए था। मैंने देखा कि कुछ लोगों के हाथ में बंदूक हैं। मैं हैरान था कि पुलिस ने उन्हें हथियार साथ लाने की इजाजत कैसे दी।”
हुकुम ने यह भी कहा, ‘मैं सैनिक रहा हूं, ऐसे काम नहीं कर सकता। अगर मेरे ऊपर लगाए गए एक भी आरोप सही निकले तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा।’
सीबीआई जांच यूपी सरकार की मर्जी
इस बीच श्री प्रकाश जायसवाल ने भी भाजपा और सपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुजफ्फरनगर के दंगे सपा और भाजपा की मिलीभगत का नतीजा है। सीबीआई जांच के सवाल पर जायसवाल ने कहा कि यह यूपी सरकार की मर्जी है। अगर वहां से कहा गया, तो सीबीआई जांच जरूर होगी।