पुलिस बल की मौजूदगी और चौकचौबंद के बावजूद दो दिन पहले पुराने लखनऊ में शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा बढ़ती ही जा रही है।
बड़े इमामबाड़े के सामने मौजूद टीले वाली मस्जिद से शु्क्रवार सुबह अलविदा की नमाज के पढ़ने के बाद निकले एक धर्म के लोगों पर पथराव शुरू हो गया।
कुछ ही देर में पत्थरों की जगह हथगोले और गोलियां चलने लगीं। जवाबी पथराव शुरू हुआ, पूरा माहौल हिंसात्मक हो उठा और एक बार फिर हिंसा की आग पूरे पुराने लखनऊ में फैलने लगी।
माहौल को शांत करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और भीड़ छिटकाने के लिए हवाई फायरिंग भी की गई।
अमर उजाला को मिल रही सूचनाओं के मुताबिक, हिंसा घंटाघर, रामगंज, इकबाल नगर, मुफ्तीगंज, दरगाह हजरत अब्बास और तोप दरवाजा तक फैल चुकी है।
कई जगह से लगातार फायरिंग और पथराव की जानकारी मिल रही है।
यह भी बताया जा रहा है कि हिंसा में दर्जनों लोग बुरी तरह जख्मी हुए हैं, जिनमें से एक हथगोले का भी शिकार हुआ है। हालांकि, किसी के मारे जाने की कोई खबर नहीं आई है।
इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस, पीएसी और आरएफ की नाकामी भी सामने आई है। बताया जा रहा है कि हिंसक संघर्ष की आंशका के चलते ही पुराने लखनऊ में तीन कंपनी आरएएफ और 15 कंपनी पीएसी तैनात की गई थी।