नई दिल्ली।। यूपीए सरकार का महत्वाकांक्षी फूड सिक्यॉरिटी बिल लोकसभा में सोमवार देर रात ध्वनि मत से पास हो गया। आखिरी क्षणों में बीजेपी ने भी बिल का समर्थन करके इसे सर्वसम्मति से पास कराने का माहौल बना दिया। किसी ने भी बिल का विरोध नहीं किया। सोमवार को देर रात तक चली घंटों बहस के बाद वोटिंग में बीजेपी, बीएसपी, जेडीयू, डीएमके और शिवसेना सहित सभी दलों का सपोर्ट मिला। सत्तापक्ष के संशोधन मंजूर कर लिए गए, जबकि बीजेपी नेता सुषमा स्वराज का संशोधन गिर गया।
अब इस बिल को राज्यसभा से पास कराना होगा। इसके बाद मौजूदा ऑडिर्नेंस निरस्त हो जाएगा और पूरे देश में खाने का अधिकार कानून लागू हो जाएगा। सरकार का दावा है कि इस कानून का फायदा देश की 80 करोड़ आबादी को मिलेगा। इस योजना में गरीबों को सस्ती दरों पर अनाज दिए जाने का प्रावधान है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस ड्रीम बिल को यूपीए गेमचेंजर के रूप में पेश कर रही है। यही वजह रही कि सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस की ओर से बहस की शुरुआत खुद सोनिया ने की। विपक्षी दलों ने हालांकि बुनियादी तौर पर फूड बिल का विरोध नहीं किया लेकिन इसके मौजूदा प्रारूप पर सवाल उठाए और इसे ठीक किए बिना पास न करने की बात कही।
बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने इस योजना के दायरे में गर्भवती महिलाओं को भी लाने का प्रस्ताव रखा, जो मंजूर नहीं हुआ। बीजेपी ने तर्क दिए कि इस बिल से बेहतर मॉडल पार्टी शासित राज्यों में पहले से लागू है, जिसकी कॉपी केंद्र को करनी चाहिए। एसपी नेता मुलायम सिंह यादव ने कई सवाल उठाए और चुटकी ली कि चुनाव आ गए तो बिल आ गया। जब लोग भूखों मर रहे थे, तब यह विधेयक क्यों नहीं लाया गया।
सोनिया ने दिए सवालों के जवाबः इससे पहले यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि फूड सिक्यॉरिटी बिल से यूपीए सरकार खाद्य सुरक्षा का अपना वादा निभा रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को भोजन का अधिकार देना ही होगा। साधन हों या नहीं, यह करना ही होगा। उन्होंने विपक्षी दलों से बिल पर साथ देकर इस ऐतिहासिक फैसले में भागीदार बनने की अपील की। बीजेपी ने बिल पर ऐतराज जताते हुए कहा कि यह फूड नहीं ‘वोट’ सिक्यॉरिटी बिल है।
सोनिया ने अपने संबोधन में फूड सिक्यॉरिटी बिल पर विरोधी दलों के सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि क्या हमारे पास इसके लिए साधन हैं? मैं उनसे कहना चाहती हूं कि सवाल साधनों का नहीं है। हमें इसके लिए साधन जुटाने ही होंगे। कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि क्या यह किया जा सकता है? मैं उनसे कहना चाहती हूं कि सवाल यह नहीं है कि हम क्या कर सकते हैं या नहीं, हमें यह करना ही है। कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि क्या यह बिल किसानों के हित में है? मैं कहना चाहती हूं कि कृषि और किसान हमारी नीतियों के प्रमुख अंग हैं। हमने उनकी जरूरतों को हमेशा सबसे ऊपर रखा है। और आगे भी रखेंगे।
लालू ने किया बिल का समर्थनः राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बिल का समर्थन किया। लालू ने बिल को दूरगामी असर वाला बताते हुए कहा कि जिनके पास अनाज खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं, उनको इससे काफी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि बिहार से बड़ी तादाद में गरीब लोग दूसरे प्रदेशों में जाने के लिए मजबूर हैं, इससे उनको लाभ होगा। लालू ने कहा कि केंद्र को राज्य राज्य सरकार के साथ मिलकर गरीबों की सूची में सुधार करना चाहिए।
मुलायम ने बताया चुनावी बिलः सोनिया के बाद बोलने उठे समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बिल को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘खाद्य सुरक्षा बिल लाने से पहले मुख्यमंत्रियों को बुलाकर उनकी राय लेनी चाहिए थी।’ उन्होंने यूपीए की भोजन गारंटी स्कीम को ‘चुनावी’ स्कीम करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के पर आंकड़े हैं नहीं और मुफ्त भोजन देने की स्कीम शुरू कर दी गई है। मुलायम ने कहा कि इस स्कीम से राज्यों पर कितना बोझ पड़ेगा और वह इसकी भरपाई कैसे करेंगे, इसका कोई जिक्र नहीं है।
बीजेपी ने बताया वोट सिक्यॉरिटी बिलः बीजेपी ने फूड सिक्यॉरिटी बिल को ‘वोट सिक्यॉरिटी बिल’ करार देते हुए कहा कि सरकार एक योजना के तहत ‘कमी’ पैदा कर रही है ताकि लोगों को गरीब और भूखा बनाए रख कर उनका एकमात्र हमदर्द बनने का दावा कर सके। बिल पर चर्चा की शुरुआत करते हुए बीजेपी के डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि सत्ता में आने के साढ़े चार साल बाद सरकार एक आधा अधूरा बिल लाई है और ऐसे समय में लाई है जब उसके सत्ता से जाने का समय आ गया है।
इससे पहले सोमवार दोपहर 2 जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई खाद्य मंत्री के.वी. थॉमस ने लोकसभा में फूड सिक्यॉरिटी बिल पर बहस की शुरुआत की। थॉमस ने इस बिल के फायदों के बारे में सदन को जानकारी दी। गौरतलब है कि कांग्रेस ने मौजूदा सेशन में इस बिल को पास करवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। हालांकि, लगातार हंगामे की वजह से अब तक फूड सिक्यॉरिटी बिल पर लोकसभा में बहस नहीं हो पा रही थी।
माना जा रहा है कि यूपीए सरकार ने इस बिल के समर्थन में जेडीयू, एसपी और बीएसपी का समर्थन हासिल कर लिया है। वहीं, जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके ने साफ कर दिया है कि मौजूद प्रारूप में वह इस बिल के विरोध में वोटिंग करेगी। जयललिता ने केंद्र सरकार पर बिल में खुद के सुझाए संशोधनों को शामिल नहीं करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को विप जारी कर सदन में मौजूद रहने को कहा है ताकि बिल को पास करवाने में कोई दिक्कत ना आए।