लखनऊ। हर साल की तरह इस बार भी काफी कोशिशों के बावजूद लखनऊ में रमजान के जुलूस के दौरान हिंसा नहीं रोकी जा सकी। बुधवार को निकले जूलूस पर पत्थरबाजी से शिया-सुन्नी समुदाय आमने-सामने आ गए। देखते ही देखते दोनों तरफ से उपद्रवियों ने पथराव और आगजनी शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस को मामला शांत करने के लिए गोलियां भी चलानी पड़ीं। इस पथराव में दर्जनों गाड़ियों के शीशे फूट गए, वहीं कई दुकान और मकान भी आग से क्षतिग्रस्त हो गए।
संवदेनशील इलाका होने के कारण प्रशासन ने मौके पर पुलिस और पीएसी तैनात कर दी। शाम तक शहर के चौक, नक्खसा आदि इलाके तनाव की चपेट में आ गए थे। हालात काबू करने के लिए पुलिस और प्रशासन की मशक्कत जारी है। वैसे तो जुलूस के दौरान हिंसा भड़कने का अंदेशा जिला प्रशासन को पहले से था। इसलिए जुलूस के रूट को ध्यान में रखते हुए शहर में कई जगहों पर ट्रैफिक डायवर्जन भी किया गया था।
बुधवार को करीब 11 बजे एक जुलूस नक्खास से बिल्लौजपुरा की तरफ आया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यहां एक मकान, जिसकी छत पर पुलिसवाले तैनात थे, उसी मकान की खिड़की से जुलूस पर पत्थर फेंके गए। देखते ही देखते मामला गर्म हो गया और इसके बाद जुलूस की गुस्साई भीड़ ने जमकर पत्थरबाजी शुरू कर दी और उस मकान में आग लगा दी। इस बवाल में आसपास खड़ी गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं, वहीं दोनों तरफ से हुई पत्थरबाजी में एक दर्जन से ज्यादा लोगों के सिर फूटे और चोटें आईं।
उधर, बवाल की सूचना पाते ही मौके पर पहुंचे भारी पुलिस बल ने स्थिति पर नियंत्रण करने की कोशिश शुरू की। इस दौरान पुलिस को गोली भी चलानी पड़ी। किसी तरह मामला शांत हुआ और जुलूस वापस नक्खास की तरफ गया लेकिन यहां पर भी चौराहे पर एक बार फिर जुलूस पर पत्थरबाजी शुरू हो गई। काफी मशक्कत के बाद पुलिस के बल प्रयोग से मामला शांत हुआ। एसएसपी जे रविन्द्र गौड़ के अनुसार अराजक तत्वों ने शांति भंग करने की कोशिश की थी। नक्खास व आसपास के इलाके को पूरी तरह से फोर्स के सुपुर्द कर दिया गया है, स्थिति अभी भी संवेदनशील बनी हुई है।