लखनऊ/ नई दिल्ली।। आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति के सस्पेंशन को लेकर उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार में तकरार बढ़ती जा रही है। इस मामले पर केंद्र द्वारा रिपोर्ट मांगे जाने से नाराज उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी एसपी ने केंद्र सरकार को सारे आईएएस अधिकारियों को प्रदेश से वापस बुला लेने की चुनौती दी है। एसपी के ताकतवर महासचिव और प्रवक्ता रामगोपाल यादव ने कहा कि हम आईएएस अधिकारियों के बिना भी प्रदेश प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से शासन चला सकते हैं।
एसपी के मुखिया मुलायम सिंह ने भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का बचाव करते हुए ग्रेटर नोएडा की पूर्व एसडीएम के निलंबन को जायज ठहराया है। उन्होंने कहा कि किसी दबाव में दुर्गा शक्ति का निलंबन वापस नहीं होगा। दूसरी तरफ, अखिलेश यादव ने भी एक बार फिर आईएएस अधिकारी के निलंबन को सही ठहराया है। अखिलेश यादव ने एक प्रोग्राम में कहा, ‘यहां बहुत से बच्चे होंगे, जिन्हें गलती करने पर माता-पिता और टीचर से मार पड़ी होगी। सरकार भी ऐसे ही चलती है। कोई अधिकारी जब गलती करता है, तो उसे दंडित किया जाता है।’
दिल्ली में रामगोपाल यादव से जब सवाल किया गया कि क्या केंद्र सरकार इस मामले में दखल देकर उदाहरण पेश कर रही है, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में राज्य सरकार केंद्र से कहेगी कि वह सारे आईएएस अधिकारियों को वापस बुला ले। उन्होंने कहा कि पीसीएस अधिकारियों की मदद से सरकार चला ली जाएगी। रामगोपाल यादव ने यह भी कहा कि निलंबन एक प्रशासनिक कदम था और उनकी पार्टी इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहती है।
गौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन पर पहली बार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि केंद्र उत्तर प्रदेश सरकार के संपर्क में है और इस केस में सभी नियमों का पालन होगा। केंद्र सरकार ने रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार से नागपाल के निलंबन पर तत्काल रिपोर्ट सौंपने को कहा था। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने आईएएस अधिकारी को कल ही चार्जशीट सौंपी है।