यूपी भाजपा के लिए चुनौती भी है और चिंता भी। इसलिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी उत्तर प्रदेश के लिए अलग से चुनावी इंतजाम करने के लिहाज से जुटा है।
इस काम को अंजाम देने के लिए यूपी में मोदी के फार्मूले पर अलग से कमेटियां बनाने की योजना बनाई गई है, ताकि यहां विशेष ध्यान दिया जा सके। इस सिलसिले में प्रदेश भाजपा ने काम शुरू कर दिया है।
खाका भी लगभग खींच लिया गया है। इस खाके की राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह गुरुवार या शुक्रवार को यहां समीक्षा करेंगे। उसके बाद निर्णयों पर अमल शुरू कर दिया जाएगा।
लगभग 15 कमेटियां बनाने की योजना
मोदी के फॉर्मूले के तहत केंद्रीय स्तर पर चुनावी व्यवस्थाओं को संभालने के लिए 20 कमेटियां बनाने का फैसला किया गया है। उसी तर्ज पर उप्र में भी कमेटियां बनाने का फैसला हुआ है। हालांकि, इन कमेटियों की संख्या दिल्ली की तुलना में कम हो सकती है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी कहते हैं कि प्रदेश की जरूरत के लिहाज से यहां लगभग 15 कमेटियां गठित करने की योजना बनाई गई है। जल्दी ही इन्हें अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
नेताओं के दौरों से लेकर मुद्दों तक पर नजर
ये कमेटियां नेताओं के दौरों से लेकर मुद्दों तक फैसला करेंगी। भाजपा नेता बताते हैं कि गुजरात में अलग-अलग क्षेत्रों की समस्याओं, राजनीतिक व सामाजिक परिस्थितियों के आधार पर पार्टी की रीति नीति बनाने की वजह से वहां भाजपा की जड़ें मजबूत हुई हैं।
पार्टी के रणनीतिकार इस फार्मूले को यूपी में आजमाना चाहते हैं। इसीलिए अलग-अलग क्षेत्रों की समस्याओं की जानकारी लेकर उस आधार पर पार्टी की रणनीति तय करने का निर्णय किया गया है।
इस जानकारी को वहां जाने वाले नेताओं को संदर्भ के रूप में मुहैया कराया जाएगा ताकि वहां जाने वाले नेता स्थानीय समस्याएं उठाकर वहां के लोगों से सीधे जुड़ाव पैदा कर सकें। साथ ही जरूरत पड़ने पर संबंधित क्षेत्रों के लिए अलग से प्रचार सामग्री की व्यवस्था की जाएगी।
नियंत्रण कक्ष व बूथ तक संचार तंत्र
गुजरात के फॉर्मूले पर प्रदेश प्रभारी अमित शाह पहले ही जिलाध्यक्षों से लगातार संपर्क में हैं। अब इसे विस्तार देते हुए बूथ तक की जानकारी के आदान-प्रदान के लिए नेटवर्क बनाने की योजना है। इस सबका संचालन प्रदेश मुख्यालय पर स्थापित नियंत्रण कक्ष के जरिए होगा।
साथ ही चुनावी तैयारियों की मॉनीटरिंग भी की जाएगी। नेताओं के दौरों, क्षेत्र की तात्कालिक समस्याओं और जरूरतों की जानकारी ली जाएगी। चुनाव के दौरान किसी तात्कालिक स्थिति से निपटने का काम भी इसी नेटवर्क से जानकारी जुटाकर किया जाएगा।
11 सितंबर को आएगी कमेटी
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनी प्रचार अभियान समिति ने आरोप पत्र तैयार करने के लिए एक समिति बनाई है। जो देश भर में लोगों से बातचीत करके आरोप पत्र में मुद्दों को शामिल करेगी।
लखनऊ में यह समिति 11 सितंबर को रहेगी। योजना यह भी है कि चार्जशीट में यूपी की सपा की मौजूदा और बसपा की पूर्व सरकार के कामकाज पर भी निशाना साधा जाए।
सोशल मीडिया का भी सहारा
मुद्दों और सरकार की कमियों का पता लगाने के लिए भाजपा ने सोशल मीडिया का भी सहयोग लेने की योजना बनाई है। इसके लिए लोगों से फेसबुक, ट्वीट, स्लाइड शेयर, यू-टयूब और फ्लीकर का सहारा लेने का फैसला किया गया है।
साथ ही बीजेपी की वेबसाइट पर भी लोगों से राय मांगी गई है। लक्ष्मीकांत वाजपेयी दावा करते हैं कि हमारे पक्ष में हवा बह रही है। सपा हो, बसपा या कांग्रेस, ये सभी एक हैं। यह बात जनता भी जानती है। इसलिए वह इस चुनाव में भाजपा का साथ देगी।
अलिखलेश वाजपेयी (amarujala) की रिपोर्ट