जानसठ, 29 अगस्त। क्षेत्र के ग्राम कवाल में बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा है। आज तीसरे दिन भी मंदिर में तोडफोड के बाद दोनों पक्षों के बीच जमकर पत्थर व गोलियां चलीं। आईजी मेरठ जोन आज पूरे दिन गांव में डेरा डाले रहे, वहीं पुलिस ने फ्लैगमार्च भी किया। राजनीतिक दलों के नेताओं के आने का सिलसिला भी क्षेत्र में जारी है। सभी सम्भव उपायों के पश्चात भी शांति की जगह शोले ही उठते दिखाई पड रहे हैं।
जानसठ कोतवाली क्षेत्र के ग्राम कवाल में आज तीसरे दिन भी बवाल जारी रहा। कल की घटना के पश्चात पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही से ऐसा लगने लगा था कि अब यह प्रकरण दब जायेगा, परन्तु प्रशासन की उदासीनता के चलते आज एक बार फिर गांव में जबरदस्त पथराव और गोलियां चली। हुआ यूं कि रात्रि में किसी समय गांव के एक छोर पर स्थित शिव मंदिर का ताला तोडकर बैंटरा, माईक, एम्पलीफायर, सिलेंडर आदि तोडफोड कर बाहर फेंक दिये गये। सुबह जब ग्रामीण मंदिर पहुंचे तो यह देखकर हतप्रभ रह गये कि मंदिर में तोडफोड की गई है। बस, इतना काफी था ग्रामीणों को आक्रोशित करने के लिये। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में पथराव शुरू हो गया, यही नहीं दोनों ओर से गोलियों का आदान-प्रदान भी हुआ। घटना के समय गांव की महिलाएं, बूढे एवं बच्चे इतने सहमे हुए थे कि वो दरवाजों से झांकते हुए भी खौफ महसूस कर रहे थे।
उधर मामले की सूचना पाकर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद दूबे, पुलिस अधीक्षक (अपराध) कल्पना सक्सेना, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) इन्द्रमणि त्रिपाठी सहित प्रशासन एवं पुलिस के सभी आला अधिकारी दल-बल के साथ गांव में पहुंचे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महानिरीक्षक मेरठ ब्रजभूषण भी तुरंत ही कस्बे के निरीक्षण भवन पर पहुंचे और देर सायं तक निरीक्षण भवन पर जिले के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर गांव में शांति प्रयासों पर मंत्रणा करते रहे। गांव में पुलिस द्वारा फ्लैगमार्च निकालकर लोगों के भीतर कानून का खौफ पैदा करने का भी प्रयास किया गया। इस बीच पुलिस ने पूर्व प्रधान विक्रम सिंह, सोनू, रविन्द्र, धर्मवीर, सलेकचंद, दीपक, प्रदीप आदि को हिरासत में लेकर थाने भेेजा। कवाल एवं मलिकपुरा में आज लोकदल जिलाध्यक्ष अजीत राठी के नेतृत्व में पार्टी के अनेक नेता पहुंचे तथा ग्रामीणों से शांति बनाये रखने की अपील की। वहीं समाजवादी पार्टी के राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप के नेतृत्व में सपा का एक प्रतिनिधिमंडल ने भी दोनों गांवों का दौरा किया, जिनमें सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी, राज्यमंत्री वीरेन्द्र सिंह व मैराजुद्दीन तेवडा आदि शामिल थे। सपाईयों को गांव मलिकपुरा में ग्रामीणों के भारी आक्रोश का सामना करना पडा। ग्रामीणों का आरोप था कि शासन-प्रशासन एवं सपा के नेता केवल कवाल के दौरे में ही लगे हैं, जबकि पीडा उन्हें अधिक है। सूचनाएं यह भी मिल रही हैं कि आज क्षेत्र के गांव नंगला मंदौड में आगामी 31 अगस्त को मलिकपुरा में होने वाली महापंचायत को लेकर सैंकडों नेताओं ने रणनीति बनाते हुए मंत्रणा की।
जिला एवं पुलिस प्रशासन की उदासीनता चर्चाओं में
मुजफ्फरनगर। जानसठ कोतवाली क्षेत्र के ग्राम कवाल में लगातार तीसरे दिन भी आज हुए बवाल के पश्चात जिला एवं पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। जिले के नवागत जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक क्षेत्र में शांति स्थापित कराने में पूरी तरह विफल रहे हैं।
गांव कवाल में तीसरे दिन भी मंदिर में तोडफोड के पश्चात हुए पथराव एवं फायरिंग के पश्चात जनपद में यह चर्चाएं आम रूप से व्याप्त हैं कि पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा स्थिति पर नजर रखने के बावजूद तथा जिला एवं पुलिस प्रशासन द्वारा अनेक प्रयासों के चलते गांव में लगातार हिंसक घटनाएं घटित हो रही हैं। आम लोगों के बीच यह प्रश्न भी आम रूप से चर्चा का विषय बना हुआ है कि घटना के पश्चात पुलिस की गांव में भारी मौजूदगी यह अहसास कराती है कि अब पुन: कुछ घटित नहीं होगा, परन्तु शाम होते ही जिला एवं पुलिस प्रशासन भी गांव में घटित हो रही हिंसक घटनाओं को लेकर उदासीन होते हुए गांव से पुलिस बल की संख्या कम कर देता है। आईजी ब्रजभूषण दो दिन से लगातार क्षेत्र में आठ घंटे से अधिक बिता रहे हैं, परन्तु उनके हर समय अधिकारियों की बैठक लेने का भी कोई लाभ नहंी दिखाई दे रहा है।