आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन पर कांग्रेस महासचिव शकील अहमद के बयान को लेकर कांग्रेस ने भले ही किनारा कर लिया हो पर राहुल गांधी ने पार्टी प्रवक्ताओं को कड़ी नसीहत दी है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक में राहुल ने कहा, ‘प्रवक्ताओं और पैनलिस्ट की अपनी राय हो सकती है। लेकिन बतौर पार्टी प्रवक्ता और पैनलिस्ट आपको पार्टी लाइन के भीतर रहना होता है। हमलोग कांग्रेस के आदर्शों के खिलाफ नहीं जा सकते हैं। यदि कोई इस रेखा को पार करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस महासचिव शकील अहमद और पार्टी सांसद राशिद मसूद ने कहा था कि 2002 के गुजरात दंगों की वजह से ही इंडियन मुजाहिदीन का गठन हुआ था।
राहुल ने कहा, ‘पार्टी नेता सोशल मीडिया पर लिखते वक्त शब्दों के चयन में शालीनता बरतें। हमें नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस से महात्मा गांधी जैसी शख्सियत जुड़ी रही हैं।’
इस बैठक में कांग्रेस के 200 युवा व अनुभवी कार्यकर्ताओं, 16 एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के सदस्य तथा राष्ट्रीय प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट ने भाग लिया।
केंद्रीय मंत्रियों को दी नसीहत
राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश कोटे के कांग्रेसी केंद्रीय मंत्रियों को जमीन पर काम करने की नसीहत दी है।
दरअसल, राहुल ने मंत्रियों को कहा कि प्रदेश के दस से 12 जिलों में हर मंत्री दौरा करे और अपने हर दौरे की जानकारी उनको दें। उन्होंने कहा कि चुनाव को एक साल भी नहीं बचा है और केंद्रीय मंत्री क्षेत्रों में घूमेंगे तो कार्यकर्त्ताओं में जोश आएगा।
सोमवार को राहुल गांधी ने केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। राहुल गांधी ने हाल में प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री और विधायक दल के नेता प्रदीप माथुर के साथ समीक्षा बैठक की थी।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में केंद्रीय मंत्रियों के दौरों को बढ़ाने की बात कही गई थी। लिहाजा राहुल ने मंत्रियों के साथ बैठक कर उन्हें ज्यादा से ज्यादा यूपी में रहने के लिए कहा है। इससे पहले भी राहुल गांधी मंत्रियों को प्रदेश में जमीन पर काम करने के लिए कह चुके हैं।
सोमवार को राहुल के साथ बैठक में केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, सलमान खुर्शीद, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह और प्रदीप जैन शामिल थे। बैठक में बेनी प्रसाद वर्मा और राजीव शुक्ला शामिल नहीं थे।
कांग्रेसी नेताओं के विवादास्पद बयान
दिग्विजय सिंह
जनवरी, 2012: बटला हाउस एनकाउंटर को फर्जी बताया।
(पार्टी ने दिग्विजय के बयान से पल्ला झाड़ा।)
जुलाई, 2011: संघ पर आतंकवाद फैलाने और बम बनाने की फैक्ट्री तैयार करने का आरोप लगाया।
(बयान से मचे बवाल के बाद कांग्रेस ने बयान से अपने आप को किनारा कर लिया।)
दिसंबर, 2010: 26/11 के हमले से ढाई तीन घंटे पहले करकरे ने उन्हें फोन कर मालेगांव विस्फोट की जांच को लेकर कुछ हिंदू आतंकी तत्वों से जान का खतरा होने की बात कही थी।
(असहज कांग्रेस ने बिना देरी किए बयान से किनारा कर लिया।)
बेनी प्रसाद वर्मा
20 अगस्त, 2012: महंगाई बढ़ने से किसानों को फायदा होता है। उनकी फसल अच्छे दामों पर बिकती है। दाल, चावल और आटे के दाम बढ़ेंगे तो किसानों को फायदा मिलेगा।
28 फरवरी, 2012: गांधी परिवार के लोग मुख्यमंत्री बनने के लिए नहीं बल्कि प्रधानमंत्री बनने के लिए पैदा होते हैं।
25 दिसंबर, 2011: अन्ना हजारे 1965 के भारत-पाक युद्ध का भगोड़ा सिपाही है।
जयराम रमेश
जून, 2013: मोदी आगामी चुनावों के लिए कांग्रेस के सामने चुनौती पेश कर रहे हैं। न केवल प्रबंधन के स्तर पर, बल्कि विचारधारा के लिहाज से भी। वह अच्छे प्रचारक भी हैं।
(इस बयान को कांग्रेस के ज्यादातर नेता खारिज करते दिखे, वहीं पार्टी प्रवक्ता शकील अहमद ने जयराम के बयान को उनकी निजी राय बताकर मामले से दूरी बना ली।)
सुशील कुमार शिंदे
जनवरी, 2013: शिंदे ने कहा कि उनके पास ऐसी रिपोर्ट आई हैं, जिससे यह साबित होता है कि भाजपा और संघ अपने कैंपों में हिंदू आतंकवाद की ट्रेनिंग दे रहे हैं।
(इस बयान से मचे सियासी तूफान के बाद शिंदे ने कांग्रेस के जयपुर चिंतन शिविर में अपने बयान पर खेद जताया वहीं एनडीए को पत्र भेज कर कहा कि किसी धर्म को आतंक से जोड़ने का उनका इरादा नहीं था।)