एक अंग्रेजी दैनिक के अनुसार पेप्सी के शौकीनों के लिए बुरी खबर है। ‘सेंटर फॉर इन्वॉयर्मेंटल हेल्थ’ नामक संगठन का दावा है कि पेप्सी में मौजूद कई तत्व हैं जो कार्सिनोजेनिक (कैंसर का रिस्क बढ़ाने वाले) हैं और पेय में इनकी तय से ज्यादा मात्रा काफी चिंताजनक है।
में प्रकाशित खबर के अनुसार, पेप्सी को कैरामिल रंग देने के लिए उसमें जो रसायन मिलाए जाते हैं उनमें मौजूद कार्सिनोजेनिक तत्व फूड एंड ड्रग्स एसोसिएशन (एफडीए) द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक हैं।
गौरतलब है कि इस साल मार्च माह में पेप्सिको इंक और कोका-कोला कॉर्पोरेशन ने कैलिर्फोनिया के कानून के मद्देनजर माना था कि वे कोल्डड्रिंक्स के फार्मूले में फेरबदल करेंगे। साथ ही, एफडीए द्वारा निर्धारित मात्रा में ही इन तत्वों को शामिल कर कैंसर की चेतावनी के साथ उन्हें बाजार में उतारेंगे।
हाल में इनके फार्मूले का परीक्षण ‘सेंटर फॉर इन्वॉयर्मेंटल हेल्थ’ नामक संगठन ने किया जिसमें कोका कोला को तो क्लीनचिट मिल गई लेकिन पेप्सी के फार्मूले में कोई फेरबदल नहीं पाया गया। यह संगठन अमेरिका में परीक्षण व निगरानी इकाई के रूप में सक्रिय है।
परीक्षण में पाया गया कि पेप्सी को कोला रंग देने के लिए उसमें 4- मिथाइलिमाइडेजोल (4-मेल) नामक रसायन मिलाया जाता है जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि पेप्सी को निर्देश दिए गए हैं कि इस रसायन की मात्रा को एफडीए द्वारा निधार्रित मात्रा को फरवरी 2014 तक कम करे।
वहीं पेप्सिको कंपनी ने माना है कि वैश्विक स्तर पर वह अपने ड्रिंक को नए फार्मूले पर उतारेगी लेकिन उन्होंने किसी समयसीमा की जानकारी नहीं दी है। हालांकि एफडीए व दूसरी नियामक एजेंसियों ने अभी तक पेप्सी को सुरक्षित ही माना है।