भारतीय ऑटो मोबाइल बाजार में शायद ही इससे पहले किन्हीं दो गाड़ियों को लेकर इतनी ज्यादा उत्सुकता होगी जितनी रेनो की डस्टर और फोर्ड की इको स्पोर्ट डीजल वैरिएंट को लेकर है।
दरअसल इसके पीछे का कारण वह उभरता हुआ भारतीय उच्च मध्यम वर्ग है जो कम दामों में एक बेहतर एसयूवी चाहता है। हमने दोनों गाड़ियों का विभिन्न पहलुओं से अध्ययन कर जाना कि कौन सी गाड़ी होगी आपके लिए बेहतर
फर्स्ट लुक
पहली नजर में देखने में दोनों ही गाड़ियां एक दूसरे से बेहद अलग हैं जहां फोर्ड ने इको स्पोर्ट में स्पोर्टी लुक दिया है वहीं रेनो ने डस्टर को सिंपल और डिसेंट बनाया है।
डस्टर के पहियों के ऊपर का घुमावदार डिजाइन इसको एक मजबूत लुक देता है। हालांकि फोर्ड इको स्पोर्ट की हाइट और पीछे लगी स्टेपनी इसको ज्यादा अग्रेसिव लुक देती है।
वहीं डस्टर को देखने में एसयूवी मानने को लेकर थोड़ा भ्रम पैदा होता है। हालांकि इसका यूनिक डिजाइन कुछ लोगों को भा सकता है।
अगर इसके इंटीरियर की बात करें तो इको स्पोर्ट में ब्लैक और ग्लॉस एलुमिनियम का इस्तेमाल हुआ है इसलिए इको के इंटीरियर दो रंग में हैं।
वहीं डस्टर का इंटीरियर साधारण है। एसयूवी सेगमेंट की तुलना में इससे ज्यादा की उम्मीद थी जिसमें निराशा मिलकी है। अगर इंटीरियर क्वालिटी की बात करें तो दोनों गाड़ियों में ये औसत से नीचे हैं। जो शायद इसकी कीमत के कारण हो।
स्पेस और कम्फर्ट
स्पेस के मामले में दोनों गाड़ियों में आगे के पैसेंजर के लिए पूरा स्पेस है। पैरों और सिर दोनों के लिए पूरी गुंजाइश है। लेकिन इको स्पोर्ट में आर्म रेस्ट एक एडिशनल फीचर है।
इको स्पोर्ट और डस्टर दोनों में ड्राइवर सीट पर हाइट और स्टेयरिंग एडजस्टमेंट फीचर है जो लंबी ड्राइव वालों को आरामदायक अनुभव देता हैं।
अगर तुलना की जाए तो यहां इको स्पोर्ट आराम के मामले में इक्कीस साबित होती है। पीछे स्पेस की बात की जाए तो इको स्पोर्ट में सिर्फ दो वयस्क आराम से बैठ सकते हैं, जबकि डस्टर की बड़ी और आरामदायक सीट में तीन वयस्क आसानी से बैठ सकते हैं।
दोनों कारों में कप होल्डर के साथ आर्म रेस्ट फीचर है। बूट स्पेस के मामले में डस्टर, इको स्पोर्ट से ज्यादा स्पेशियस है। इको स्पोर्ट आपको क्लाइमेट कंट्रोल और सिंक्रोनाइजेशन का फीचर देती है जो वॉयस एक्टिवेटिड हैं। ये दोनों फीचर डस्टर से गायब हैं। सुरक्षा के मामले में इको में 6 एयर बैग हैं जो डस्टर की तुलना में चार ज्यादा हैं।
इंजन और परफोर्मेंस
दोनों ही गाड़ियों में 1.4 लीटर इंजन लगा हुआ है लेकिन डस्टर ज्यादा ताकत पैदा करती है। डस्टर 110 पीएस 3900 आरपीएम पर 248 न्यूटन मीटर की ताकत देता है वहीं इको 91 पीएस 3750 आरपीएम पर सिर्फ 204 न्यूटन मीटर की ताकत देता है।
जो तुलना में काफी कम है। पेपर में दिखने वाला अंतर रोड पर भी उतना ही दिखाई देता है। चलाते समय डस्टर का इंजन ज्यादा स्मूथ और सतर्क लगता है।
वहीं इसका छठां गेयर इसकी राइड को और मजेदार बना देता है। इको स्पोर्ट पांच गेयर ट्रांसमिशन है। स्पीड परफॉर्मेंस की बात करें तो डस्टर 0-100 किमी मात्र 12.7 सेकेंड में पहुंच जाती है जबकि इको को 13.2 सेकेंड का समय लगता है।
अधिकतम गति के मामले में भी डस्टर 175 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाती है जबकि इको इससे 5 किमी प्रति सेकेंड कम रह जाती है।
कार औसत
इस मामले में दोनों गाड़ियों में महीन अंतर है। डस्टर शहर की परिस्थितियों में 11.8 और इको 12.2 का औसत देती है।
हाइवे पर डस्टर का परफॉरमेंस बढ़ जाता है और ये इको से 1.4 किमी प्रति लीटर अधिक 21.8 किमी प्रति लीटर का औसत देती है। ओवरआल डस्टर इको से .5 किमी प्रति लीटर अधिक 14.3 किमी प्रति लीटर का एवरेज देती है।
राइड एंड हैंडलिंग
इको का प्लेटफॉर्म फिएस्टा पर बेस्ड है। जब गाड़ी की गति की बात आती है तो ये इको जबरदस्त है। चेसिस के मामले में भी इको संतुलित है।
अंदर बैठने पर आप फील करेंगे कि यह एक लंबी कार चला रहा हैं। कुल मिलाकर हैंडलिंग में इको ज्यादा बेहतर है।
डस्टर के चौड़े टायर, चौड़े रास्तों पर अच्छी हैडलिंग देते हैं। लेकिन लहरदार रास्तों और खराब पर दोनों कारों की हैंडिलिंग स्मूथ है।