हिंदू वोटों में सेंध लगाने की जुगत में ‘मुल्ला’ मुलायम!
उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर मंदिर आंदोलन के इर्दगिर्द घूमती हुई प्रतीत हो रही है। अमित शाह के मंदिर राग के बाद समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव को अचानक कारसेवकों की याद आई है।
एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा है कि कारसेवकों पर गोली चलाने का फैसला दुखद था लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘उस समय अयोध्या के विवादित स्थल के पास लगभग 11 लाख कार सेवक इकट्ठे हो चुके थे। मुख्यमंत्री होने के नाते उनकी प्राथमिकता शांति और एकता बनाए रखनी थी। ऐसे में उन्होंने उचित निर्णय लिया।’
कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश देकर ‘मुल्ला’ मुलायम के नाम से मशहूर हुए मुलायम सिंह यादव के बयान ने कइयों को चौंका दिया है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज समाजवादी पार्टी के कब्जे में मुस्लिम वोटों का सबसे बड़ा हिस्सा है। पिछले विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में 68 मुस्लिम विधायक चुने गए थे, जिसमें 42 विधायक समाजवादी पार्टी के हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा चुनावों से पहले मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों को याद कर उत्तर प्रदेश में हिंदू वोटों विशेषकर भाजपा समर्थक वोटों में सेंधमारी करने की कोशिश की है।
पिछड़े और मुस्लिम गठजोड़ के जरिए सत्तासीन मुलायम सिंह यादव प्रदेश में अगड़ी जाति के हिंदू वोटों में पैठ बनाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी प्रदेश में ब्राह्मण रैलियों का आयोजन कर रही है और मुलायम केंद्र और राज्य में भाजपा नेताओं से नजदीकी भी दिखा रहे हैं।
मार्च में डॉ राम मनोहर लोहिया की 103वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में अखिलेश सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए मुलायम ने लाल कृष्ण आडवाणी के तारीफों की झड़ी लगा दी थी।
मुलायम ने कहा था कि ‘आडवाणी साहब कहते हैं कि यूपी की हालत बहुत खराब है और वहां भ्रष्टाचार आम है…। जब आडवाणीजी जैसा सीनियर लीडर ऐसी बात कहता है तो मेरे लिए यह विचारणीय है। वह कभी झूठ नहीं बोलते। वह हमेशा सच कहते हैं… मैंने कई बार यह बात कही है।’
आडवाणी के लिए निकले मुलायम के इन शब्दों ने विश्लेषकों को उस समय भी चौंकाया था। माना गया था कि सीबीआई के दबाव और कांग्रेस नेता बेनी प्रसाद वर्मा के हमलों से आहत मुलायम भाजपा के नजदीक जा रहे हैं। हालांकि बाद में उन्होंने जवाहर लाल नेहरु की तारीफ कर राजनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश की थी।
अब कारसेवकों पर गोली चलाने के फैसले के आदेश पर अफसोस जताकर एक बार फिर उन्होंने हिंदुओं की भावनाओं को छूने की कोशिश की है।
विश्लेषकों का मानना है कि मुलायम का बयान से यूपी में मोदी के हिंदुत्ववादी एजेंडे को कमजोर कर सकता है। हाल ही में अमित शाह ने अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद माना गया कि प्रदेश में हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है।
मुलायम ने कारसेवकों का जिक्र कर इन्हीं वोटों में सेंधमारी की कोशिश की है।