‘स्नोडेन ने भारत में मांगी राजनीतिक शरण’
अमेरिकी ख़ुफिया सूचनाएं लीक करने के आरोपी एडवर्ड स्नोडेन ने भारत में राजनीतिक शरण मांगी है।
विकीलीक्स पर जारी एक बयान के मुताबिक स्नोडेन ने भारत के अलावा 20 अन्य देशों में राजनीतिक शरण के लिए आवेदन किया है।
स्नोडेन मामले में विकीलीक्स की क़ानूनी सलाहकार सारा हैरीसन ने 30 जून को स्नोडेन की तरफ से ये आवेदन किए थे।
सीआईए के पूर्व कर्मचारी स्नोडेन ने भारत के अलावा चीन, रूस, ऑस्ट्रिया, बोलीविया, ब्राजील, चीन, क्यूबा, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, आयरलैंड, हॉलैंड, निकारागुआ, नार्वे, पोलैंड, स्पेन, स्विटजरलैंड और वेनेजुएला में राजनीतिक शरण मांगी है।
वो इससे पहले इक्वाडोर और आइसलैंड में राजनीतिक शरण के लिए आवेदन कर चुके हैं।
ओबामा पर आरोप
इस बीच स्नोडेन ने राष्ट्रपति बराक ओबामा पर आरोप लगाया है कि वो उन्हें विदेश में राजनीतिक शरण लेने के अधिकार से वंचित कर रहे हैं।
उनके इस बयान को विकीलीक्स ने जारी किया है। 23 जून को रूस पहुंचने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक बयान है।
उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ओबामा ने उपराष्ट्रपति को निर्देश दिए हैं कि वो उन देशों पर दबाव बनाए जहां मैंने राजनीतिक शरण के लिए आवेदन किया है।”
स्नोडेन ने कहा, “एक वैश्विक नेता को इस तरह की हरकत शोभा नहीं देती है। ये राजनीतिक दादागिरी के पुराने और घटिया हथकंडे हैं। उनका मकसद मुझे डराना नहीं हैं बल्कि मेरा साथ देने वालों को आगाह करना है।”
इस बीच स्नोडेन ने रूस से राजनीतिक शरण मांगी है। रूसी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है।
रूस के विदेश मंत्रालय के कॉन्सुल किम शेवचेन्को ने कहा है कि स्नोडेन की तरफ़ से ये आवेदन रविवार रात दिया गया। हालांकि क्रैमलिन ने अभी तक इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है।
माना जाता है कि 30 साल के पूर्व सीआईए अधिकारी स्नोडेन मॉस्को हवाई अड्डे के एक होटल में रुके हुए हैं।
इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि स्नोडेन वहां रह सकते हैं, बशर्ते वो उनके ‘अमेरिकी सहयोगियों को नुकसान ना पहुंचाएं।’
ठिकाना
मॉस्को में मौजूद बीबीसी संवाददाता स्टीव रोजेनबर्ग के मुताबिक अगर ये मामला रूसी संसद के हाथ में होता तो स्नोडेन के आवेदन पर अब तक मुहर लग गई होती।
अमेरिका विरोधी भावनाओं के चलते रूस के सांसद इसका बढ़चढ़कर समर्थन करते।
बीबीसी संवाददाता ने कहा, “इसका फ़ैसला संसद को नहीं बल्कि क्रैमलिन को करना है। पहले राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि स्नोडेन के रूस में रहने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि वो इस शर्त पर ही यहां रह सकते हैं कि रूस के अमेरिकी सहयोगियों को कोई नुकसान ना पहुंचाएं। उन्होंने साथ ही कहा था कि शायद स्नोडेन इसके लिए तैयार न हों और उन्हें कहीं और ठिकाना ढूंढ़ना चाहिए।”
रोजेनबर्ग ने कहा, “स्नोडेन का अगला ठिकाना वेनेजुएला हो सकता है? वेनेजुएला के राष्ट्रपति गैस निर्यातक देशों के एक सम्मेलन के सिलसिले में फिलहाल मॉस्को में हैं। उनका मंगलवार को पुतिन से मिलने का कार्यक्रम है। ये निश्चित है कि इस बैठक में स्नोडेन का मुद्दा जरूर उठेगा।”
अमेरिका ने इस मामले में ताज़ा हालात पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि तंजानिया के दौरे पर गए राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि वॉशिंगटन और मॉस्को में स्नोडेन के मामले में ‘उच्चस्तरीय’ बातचीत हुई है।
प्रतिक्रिया
ओबामा ने मीडिया से बातचीत में कहा था, ‘हमें उम्मीद है कि रूसी सरकार अंतरराष्ट्रीय यात्रा के बारे में सामान्य प्रक्रिया और क़ानून के मुताबिक फ़ैसला लेगी।’
रूस की समाचार एजेंसी इंटरफ़ैक्स के मुताबिक स्नोडेन का राजनीतिक शरण संबंधी आवेदन मॉस्को के शेरेमेतयेवो एयरपोर्ट पर मौजूद एक कॉन्सुलर अधिकारी किम शेवचेन्को को सौंप दिया गया है।
इंटरफ़ैक्स ने शेवचेन्को के हवाले से कहा है कि स्नोडेन का ये आवेदन साराह हैरीसन ने अधिकारी को सौंपा। साराह स्नोडेन की प्रतिनिधि के तौर पर काम कर रही हैं और विकीलीक्स की क़ानूनी मामलों की टीम की सदस्य भी हैं।