सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक बड़े फैसले में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में बदलाव करने से इनकार कर दिया। इसका मतलब यह है कि नाबालिग की उम्र में कोई बदलाव नहीं होगा। यह उम्र 18 साल ही बनी रहेगी।
पिछले साल दिसंबर में एक युवती से हुए गैंगरेप के बाद नाबालिग घटाने की मांग उठी थी। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर यह उम्र 18 से घटाकर 16 कर दी जाए।
लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने यह याचिका खारिज करते हुए साफ कर दिया कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
दरअसल, दिल्ली गैंगरेप मामले में ऐसा कहा गया था कि सामूहिक बलात्कार के आरोपियों में सबसे क्रूर नाबालिग ही था।
इस घटना के बाद इस मांग ने जोर पकड़ा था कि जघन्य अपराधों के मामले में नाबालिग की उम्र सीमा 18 नहीं, बल्कि इससे कम होनी चाहिए।