सरकार ने बढ़ाया विदेशी निवेश का दायरा
अर्थव्यवस्था की सुस्ती को दूर करने और रुपये को संभालने की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए सरकार ने टेलीकॉम, इंश्योरेंस सहित कई सेक्टरों में प्रत्यक्ष विदेशी निदेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ा दी है।
सरकार ने 20 में से 13 सेक्टरों में एफडीआई की सीमा बढ़ाई है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने देर शाम संवाददाताओं को बताया कि सरकार ने टेलीकॉम में 100 फीसदी विदेशी निवेश को अनुमति दे दी है।
पहले इस सेक्टर में 74 फीसदी एफडीआई की अनुमति थी। वहीं, बीमा सेक्टर में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एफडीआई की सीमा 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी कर दी गई है।
हालांकि, एविएशन में एफडीआई की सीमा बढ़ाने का निर्णय नहीं किया गया है। इसमें अभी 74 फीसदी विदेशी निवेश को अनुमति है।
वाणिज्य मंत्री ने बताया कि रक्षा क्षेत्र में सरकार ने एफडीआई की सीमा कुछ शर्तों के साथ बढ़ाकर 49 फीसदी कर दी है। रक्षा क्षेत्र में आटोमेटिक रूट से 26 फीसदी एफडीआई को अनुमति होगी, जबकि 26-49 फीसदी एफडीआई के लिए कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्यूरिटी (सीसीएस) की अनुमति अनिवार्य होगी।
इसके अलावा, सरकार ने एसेट री-कंस्ट्रक्शन कंपनियों को 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी दे दी है।
शर्मा ने बताया कि सरकार ने कई सेक्टरों के एफडीआई रूट में बदलाव किया है। इसके तहत, पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस, पावर एक्सचेंज, कमोडिटी एक्सचेंज और स्टाक एक्सचेंज में आटोमेटिक रूट से 49 फीसदी एफडीआई को अनुमति दे दी है।
सिंगल ब्रांड में अब 49 फीसदी विदेशी निवेश आटोमेटिक रूट से किया जा सकेगा और शेष 49-100 फीसदी निवेश एफआईपीबी रूट से होगा।
सरकार सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी विदेशी निवेश को अनुमति पहले ही दे चुकी है लेकिन अभी तक पूरा निवेश एफआईपीबी रूट से करने को अनुमति थी। सरकार जल्द ही इस बारे में कैबिनेट नोट जारी कर देगी।