मेरे हिंदू होने पर शक है तो घर आकर जांच कर लें: दिग्विजय सिंह
नई दिल्ली।। हमेशा मुस्लिमों का समर्थन करने का आरोप झेलने वाले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी, आरएसएस और बीजेपी पर ‘सरासर झूठ’ फैलाने और उन्हें ‘हिंदू विरोधी’ के तौर पर पेश करने का आरोप लगाया। सिंह पर अक्सर मुस्लिमों का समर्थन हासिल करने वाले मुद्दों को उठाने का आरोप लगाया जाता रहा है। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वह एक अच्छे आस्थावान हिंदू हैं। उन्होंने कहा कि उनका कर्तव्य है कि मुस्लिमों, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ संघियों और उनके चमचों द्वारा फैलाई जा रही गलत बातों के खिलाफ खड़े हों।
उन्होंने अपने ब्लॉग में कहा, ‘बीजेपी के हिंदुत्व का धर्म से कुछ भी लेना देना नहीं है, बल्कि भोले-भाले हिंदुओं को ठगने की चाल है। एक अच्छा हिंदू संघ ब्रिगेड के विपरीत हमेशा सभी धर्मों का सम्मान करता है।’ सिंह ने कहा कि वह रोज आधे घंटे पूजा करते हैं। द्वारका और जोशी मठ के शंकराचार्य ने उन्हें ‘दीक्षा’ दी थी। मध्य प्रदेश के राघोगढ़ में उनके आवास पर नौ मंदिर हैं, जहां हर दिन पूजा होती है। हिंदू सनातन धर्म के साथ अपने जुड़ावों का उल्लेख करते हुए उन्होंने अपने ब्लॉग में कहा, ‘जो लोग यह मानते हैं कि मैं हिंदू विरोधी हूं, वे इसपर गौर करें। क्या वे बीजेपी और आरएसएस में इससे अधिक किसी और धार्मिक हिंदू को जानते हैं? अगर जानते हैं तो मैं उनसे मिलना चाहूंगा?’
सिंह ने कहा, ‘मुझे संघियों और अहमदाबाद के निकट मणिपुर साणंद में संस्कार धाम से मोदी के भाड़े के टट्टुओं से सोशल मीडिया पर गाली खाने वाला व्यक्ति होने का सौभाग्य हासिल है। इन गिरोहों ने कभी मुझे डॉगविजय सिंह, तो कभी पिगविजय सिंह बताया है, जो शायद मेरे पौत्र से भी उम्र के होंगे।’ सिंह ने कहा, ‘कई बार मुझसे इस्लाम कबूल करने की तो कभी ईसाई धर्म कबूल करने की उम्मीद की जाती है। ट्रेनिंग के दौरान संघियों को सरासर झूठ फैलाने की बात सिखाई जाती है। मैं उनपर या उनके माता-पिता पर दोषारोपण नहीं करूंगा, बल्कि संस्कार धाम या आरएसएस की शाखाओं में उन्हें दिए जाने वाले संस्कारों को दोषी ठहराया जाना चाहिए।’
सिंह का ब्लॉग इस सवाल के साथ शुरू होता है कि ‘क्या मैं हिंदू विरोधी हूं।’ उन्होंने उन लोगों को अपने घर आकर जांच करने का न्योता दिया है, जो सनातन धर्म के प्रति उनकी निष्ठा पर उंगली उठाते हैं। सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जो संघ के दुष्प्रचार से प्रभावित हैं, वे उन्हें अच्छी तरह समझने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि जो कुछ भी मैं कह रहा हूं उसका ‘संघी गिरोह’ अनदेखी करने जा रहे हैं। फिर भी जो बात मैं मानता हूं उसे रिकॉर्ड में दर्ज कराना मेरा कर्तव्य है।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने जो दावा किया है अगर आप उसे नहीं मानते हैं तो राघोगढ़ में मेरे अतिथि के तौर पर आपका स्वागत है। आप खुद इसकी जांच कर लें। राघोगढ़ का रास्ता भोपाल से तीन घंटे का है।