बम का हल्ला, टिफिन से निकली बिरयानी

railway-station-5080fb18a2580_lइलाहबाद रेलवे स्टेशन सिविल लाइंस साइड के तीसरे मार्ग पर रविवार शाम पन्नी में टिफिन और तार देख बम का हल्ला मच गया। देखते ही देखते वहां रेलवे पुलिस, आरपीएफ, जिला पुलिस के साथ अधिकारी पहुंच गए। खोजी कुत्ते लाए गए। फिर पीएसी का बीडीएस (बम निरोधी दस्ता) आया।

करीब सवा घंटे तक चली कवायद के बाद बीडीएस ने रस्सी से बांधकर पन्नी बाहर खींची तो उसमें चार्जर और टिफिन में बिरयानी निकली। यह देख पुलिस अधिकारियों और रेलवे कॉलोनी के लोगों ने राहत की सांस ली। माना गया है कि किसी की गाड़ी से पॉलीथिन गिर गई होगी, जिसमें टिफिन और चार्जर था।

रेलवे कॉलोनी के तीसरे मार्ग पर सरकारी मकान के बाहर नाली में शाम करीब 5.30 बजे किसी ने पॉलीथिन देखी, जिसमें टिफिन, तार, सर्किट नजर आ रहा था। इस बारे में पुलिस को खबर दी गई। करीब आधे घंटे में वहां रेलवे पुलिस, आरपीएफ, जिला पुलिस की टीम पहुंच गई। एसपी सिटी शैलेश यादव ने तीसरे मार्ग पर दोनों तरफ से आवाजाही बंद करा दी।

पहले बारूद सूंघने में माहिर स्निफर डॉग को बुलाया गया। फिर चौथी बटालियन पीएसी से बीडीएस को बुलाया गया। बीडीएस ने मेटल डिटेक्टर स्टिक से चेक किया तो उसे भी अंदेशा हुआ कि पन्नी में कोई संदिग्ध वस्तु है। पुलिस अधिकारी भी घबरा गए। बीडीएस के जवान को एंटी बम जैकेट और हेलमेट पहनाकर भेजा गया। उसने लेटकर सूखी नाली में पड़ी पन्नी में रस्सी फंसा दी।

�सड़क के दोनों ओर रस्सी का छोर पकड़कर खींचा गया तो पन्नी सड़क पर छिटक गई। उसमें रखी टिफिन खुली तो सड़क पर बिरयानी बिखर गई। पन्नी में मोबाइल का टूटा चार्जर था। उसका ही सर्किट दिख रहा था, जिससे पुलिसकर्मी और बीडीएस के जवान घबरा गए थे। करीब सवा घंटे बाद तनाव के बादल छंटे। इस दौरान कॉलोनी के लोग भी बेहद घबराए हुए थे।

रेलवे कॉलोनी के तीसरा मार्ग पर पन्नी में बम की बजाय टिफिन में बिरयानी मिलने से पुलिस अधिकारी भले राहत की सांस ले रहे हों लेकिन इस घटना ने पुलिस की चुस्ती की असलियत जाहिर हो गई। 5.30 बजे ही खबर मिलने पर भी बम डिस्पोजल स्कवॉयड को संदिग्ध बम को सूखी नाली से बाहर खींचकर हकीकत सामने लाने में सवा घंटे लग गए। दरअसल, बीडीएस मौके पर बिना तैयारी के पहुंची।

पहले तो बिना एंटी बम जैकेट पहने ही जवान पास जाकर इधर-उधर से ताकते-झांकते रहे। करीब आधे घंटे बाद एंटी बम जैकेट पहनकर जवान ने बम को चेक करने की कोशिश शुरू की। अगर वास्तव में बम होता तो इतनी देर में वहां धमाका होता और तबाही मच जाती। इस दौरान एसपी सिटी शैलेश यादव हल्ला मचाते रहे। वह कई बार बेवजह मीडिया कर्मियों से भी उलझे और सिपाहियों पर चीखते-चिल्लाते रहे। सच तो यह है कि पुलिस और बीडीएस को बम मिलने पर की जाने वाली कार्रवाई का कोई प्रशिक्षण ही नहीं मिला।