देवेंद्र ने फिर रचा इतिहास, इस बार पैरा एथलेटिक में जीता सोना
पूर्व पैरालंपिक चैंपियन देवेंद्र झांझरिया ने कई विवादों को पीछे छोड़ वर्ल्ड पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप में इतिहास रचते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमा लिया। वह यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय एथलीट हैं।
चैंपियनशिप के लिए रवाना होने से पहले भारतीय टीम को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 10 सदस्यीय भारतीय टीम विवादों के साये में पेरिस गई। पहले चयन में घपले पर खिलाड़ियों ने साई के खिलाफ धरना दिया।
फिर टीम को सिर्फ दो एस्कार्ट (व्हील चेयर वालों के साथ) और कोच का खर्च उठाए बिना भेज दिया गया। खिलाड़ियों को अपना सामान खुद ढोना पड़ा। लेकिन इन सब बातों के बीच 2004 के एथेंस पैरालंपिक में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाले पद्म श्री, अर्जुन अवार्डी देवेंद्र झांझरिया ने एक और इतिहास अपने नाम लिख दिया।
पैरालंपिक में जीत चुके हैं सोना
32 साल के राजस्थान के देवेंद्र ने 57.04 मीटर जेवेलिन फेंककर मीट रिकार्ड के साथ इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। पैरालंपिक की तरह वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले देवेंद्र पहले एथलीट हैं।
11 एथलीटों के बीच मुकाबले में देवेंद्र ने 54.71 मीटर फेंककर शुरुआत की, लेकिन उन्होंने अपने छठवें और अंतिम प्रयास में 57.04 मीटर फेंककर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।
चैंपियनशिप 19 से 28 जुलाई तक चलेगी। भारत के सभी 10 एथलीटों ने ‘ए’ क्वालीफिकेशन हासिल किया हुआ है। इस चैंपियनशिप में 100 देशों के करीब एक हजार से ज्यादा खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
पिछले साल कोच बन गए थे देवेंद्र
पद्म श्री मिलने के बाद देवेंद्र कोच बन गए। लंदन पैरालंपिक के बाद उन्होंने भारतीय टीम के एथलीटों को प्रशिक्षण भी दिया। लेकिन इस वर्ष जून में वह फिर जेवेलिन लेकर एथलेटिक फील्ड में कूद पड़े।
उन्होंने ए क्वालीफिकेशन के साथ इस चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया। उन्होंने ईरान के मीरशेकारी अब्दुलरसूल को परास्त किया। उन्होंने 52.62 मीटर जेवेलिन फेंका।
यूपी पैरालंपिक कमेटी के अध्यक्ष जेपी सिंह ने बताया कि पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री सुल्तान अहमद ने देवेंद्र को इस सफलता के लिए पांच लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है।