चीन ने चेताया, सीमा पर सेना बढ़ाकर उकसाए नहीं भारत
रक्षा मंत्री एके एंटनी के बृहस्पतिवार को बीजिंग में लैंड करने से कुछ घंटे पहले ही चीन ने फिर अपना असली रंग दिखा दिया।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक वरिष्ठ जनरल ने चेताते हुए कहा कि भारत सीमा पर सैन्य जमावड़ा बढ़ाकर हमें नई परेशानी खड़ी करने के लिए नहीं उकसाए।
बड़बोले जनरल ने भारत पर चीन की 90 हजार वर्ग किमी भूमि कब्जाए रखने का आरोप भी ठोका।
बीजिंग पहुंचे एके एंटनी
इस बीच, एंटनी बृहस्पतिवार शाम बीजिंग पहुंच गए। लेकिन जनरल के बयान ने उनके स्वागत का रंग फीका कर दिया।
पड़ोसी मुल्कों और अमेरिका पर अपने तीखे बयानों के लिए चर्चित पीएलए के मेजर जनरल ल्युओ युआन ने यह भी इशारा कर दिया कि सीमा पर शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी भारत की ही है।
युआन ने कहा कि फिलहाल सब कुछ नियंत्रण में है। अब भारत की जिम्मेदारी है कि वह कोई नई समस्या नहीं खड़ी करे।
उन्होंने कहा, ‘दुनिया में सिर्फ भारत ही एक ऐसा देश है, जो कहता है कि वह चीन के खतरे की वजह से अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है। इसलिए भारत को अपनी कथनी और करनी में सावधानी बरतनी चाहिए।’
चीनी घुसपैठ पर गोलमोल जवाब
सीमा पर तनाव का जिक्र करते हुए युआन ने कहा कि इतिहास ने कुछ समस्याएं छोड़ दी हैं, जिनका हमें ठंडे दिमाग से हल करना है।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान पीएलए के वर्ल्ड मिलिट्री रिसर्च विभाग में डिप्टी डायरेक्टर जनरल युआन से एंटनी की यात्रा के मद्देनजर भारत-चीन रिश्तों पर उनके विचारों के बारे में पूछा गया था।
माना जा रहा है कि युआन की 90 हजार वर्ग किमी इलाके पर कब्जा करने की टिप्पणी अरुणाचल प्रदेश को लेकर है, जिसे चीन दक्षिणी तिब्बत बताकर अपना हिस्सा बताता रहा है।
युआन ने हालांकि अप्रैल में लद्दाख में चीनी घुसपैठ पर गोलमोल जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह मीडिया का बनाया हुआ मुद्दा था।
लद्दाख में चीनी घुसपैठ के बाद दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली के लिहाज से उनकी यात्रा अहम मानी जा रही है। पिछले सात सालों में चीन जाने वाले वह पहले भारतीय रक्षा मंत्री हैं। शुक्रवार को वह अपने चीनी समकक्ष जनरल चांग वांक्वान से मुलाकात करेंगे।
कई मुद्दों पर होगी चर्चा
दिल्ली में जारी एक बयान के मुताबिक दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति कायम करने के अलावा कई मुद्दों पर चर्चा होगी।
तीन दिवसीय यात्रा के दौरान एंटनी चीनी प्रधानमंत्री ली केचियांग से भी मिल सकते हैं और सैन्य यूनिट का दौरा भी कर सकते हैं। एंटनी की यात्रा के दौरान सीमा सुरक्षा सहयोग समझौते (बीडीसीए) पर भी बात हो सकती है।
नवाज शरीफ का भव्य स्वागत
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी बृहस्पतिवार को बीजिंग पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। जबकि भारतीय रक्षा मंत्री एके एंटनी के वहां पहुंचने से पहले एक चीनी जनरल की ओर से जमकर जहर उगला गया था। बाद में नवाज ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की मांग भी की। मालूम हो कि चीन हथियार देने से लेकर तमाम क्षेत्रों में पाक की मदद करता रहा है।
भारत का दावा
–भारत कहता रहा है कि चीन ने जम्मू-कश्मीर के लगभग 38 हजार वर्ग किमी क्षेत्र पर 1962 से ही अवैध कब्जा कर रखा है।
–भारत कहता रहा है कि चीन से सटी 4000 किमी लंबी पूरी एलएसी पर ही विवाद है।
चीन की चाल
–अक्साई चिन पर कब्जा जमाने वाला चीन अरुणाचल प्रदेश को भी अपना अंग बताता है।
–चीन का कहना है कि सीमा विवाद केवल 2000 किमी में सिर्फ अरुणाचल प्रदेश तक सीमित है।
चीन ने की थी घुसपैठ
–15 अप्रैल को चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा के अंदर पूर्वी लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) में 19 किमी तक घुसपैठ कर वहां पांच तंबू लगाकर अपनी चौकी स्थापित कर ली थी। जिसके बाद दोनों देशों के बीच जबरदस्त तनाव हो गया था। हालांकि मई में दोनों ओर से हुई बातचीत के बाद भारत ने दावा किया था कि घुसपैठ करने वाले चीनी सैनिक 15 अप्रैल से पहले वाली जगह पर वापस चले गए हैं।
–वर्ष 2010 में चीनी सेना ने लद्दाख में अतिक्रमण कर क्षेत्र के पत्थरों और चट्टानों को लाल रंग से रंग दिया था। 31 जुलाई 2009 को चीनी सैनिक माउंट ग्या के पास भारतीय क्षेत्र में लगभग 1.5 किलोमीटर तक घुस आए थे। वहां उन्होंने चट्टानों पर लाल रंग से चीन लिख दिया था।
–21 जून, 2009 को चीनी हेलीकॉप्टरों ने चुमार क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय वायु क्षेत्र का उल्लंघन किया था और खाने की चीजों के कुछ पैकेट गिराए थे।