गुजरात दंगाः मोदी के पिल्ले वाले बयान पर बवाल
अहमदाबाद ।। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में गुजरात के दंगों पर विवादास्पद बयान दिया है। गुजरात दंगों पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने जो कुछ कहा उसके बाद यह सवाल पूछा जाने लगा है कि क्या मोदी ने दंगों में मारे गए लोगों की तुलना कुत्ते के बच्चे (पिल्ले) से कर दी। जब उनसे पूछा गया कि क्या जो कुछ हुआ उसका उन्हें दुख है तो उन्होंने कहा दुख तो होता ही है। अगर कुत्ते का बच्चा भी कार के नीचे आ जाए तो भी दुख होता है।
मोदी के इस बयान पर बवाल हो गया है। समाजवादी पार्टी के नेता कमाल फारुखी ने मोदी के इस बयान को शर्मनाक करार दिया। उन्होंने कहा कि मोदी ने एक समुदाय का अपमान किया है। मोदी को तुरंत लोगों और देश से माफी मांगनी चाहिए। उधर, बीजेपी मोदी के बचाव में उतर आई है। बीजेपी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को मोदी का इंटरव्यू पूरी तरह से पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी के कहने का मतलब यह था कि कुत्ते के बच्चे के भी कार के नीचे आने पर कोई भी इंसान दुखी होगा।
क्या कहा मोदी नेः न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के इस इंटरव्यू में मोदी से जब सवाल पूछा गया कि क्या उन्हें अभी भी 2002 के दंगों से जोड़कर देखे जाने पर हताशा होती है तो उन्होंने कहा, ‘लोगों को आलोचना करने का अधिकार है। हम एक लोकतांत्रिक देश हैं। हर एक का अपना एक नजरिया होता है। मैं गिल्टी तब फील करूंगा, जब लगेगा कि मैंने कुछ गलत किया है। हताशा तब होगी जब लगेगा कि कि यार मैं पकड़ा गया.. मैं चोरी कर रहा था और पकड़ा गया। लेकिन, यह मेरा केस नहीं है।’
कुत्ते का बच्चा भी मर जाए तो…: मोदी से पूछा गया कि क्या उन्हें गुजरात दंगों पर पछतावा है, तो उन्होंने कहा, ‘मैं आपको बताना चाहता हूं भारत का सुप्रीम कोर्ट दुनिया के सबसे अच्छे कोर्टों में गिना जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी बनाई और उसमें सबसे काबिल अफसरों को रखा गया। एसआईटी की रिपोर्ट में मुझे क्लीन चिट मिली। एक और चीज, अगर कोई व्यक्ति या हम कार चला रहे हैं या कोई ड्राइव कर रहा है और हम पीछे बैठे हैं, फिर भी छोटा सा कुत्ते का बच्चा भी अगर कार के नीचे आ जाता है तो हमें पेन फील होता है कि नहीं?… होता है। मैं अगर मुख्यमंत्री हूं या नहीं भी हूं। मैं पहले एक इंसान हूं और कहीं पर भी कुछ बुरा होगा तो दुख होना बहुत स्वाभाविक है।’
उनसे जब पूछा गया कि आपको लगता है कि 2002 में आपने जो कुछ किया वह बिल्कुल ठीक था, तो उन्होंने कहा ‘बिल्कुल। जितनी अक्ल मुझे ऊपर वाले ने दी है, जितनी अनुभव मैंने हासिल किया और उन हालात में जितनी ताकत मुझे हासिल थी, उसे देखते हुए जो कुछ मैंने किया वह बिल्कुल सही था और इसी बात की जांच एसआईटी ने की थी।’
हां, मैं हिंदू राष्ट्रवादी हूं: मोदी ने अपने इंटरव्यू में कहा कि वह उन्हें खुद को हिंदू राष्ट्रवादी कहलाने में कोई हिचक नहीं है। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रवादी हूं, मैं देशभक्त हूं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। मैं जन्म से हिंदू हूं, इसमें भी कुछ गलत नहीं है। इसलिए हां, मैं हिंदू राष्ट्रवादी हूं। यह गुनाह नहीं है।’