विधानसभा चुनाव से चंद महीने पहले दिल्ली में नए उपराज्यपाल की नियुक्ति राजनीतिक जानकारों को चौंका रही है।
माना जा रहा है कि नजीब की नियुक्ति विधानसभा चुनावों से पहले मुसलिम चेहरे को सामने लाने का हिस्सा है।
जानकारों का मानना है कि नजीब की नियुक्ति चुनावों से पहले दिल्ली में प्रशासनिक और राजनीतिक फेरबदल का हिस्सा भी हो सकती है।
हालांकि तेजिंदर खन्ना पिछले छह सालों से दिल्ली में उपराज्यपाल थे, इसलिए संभावना थी कि इस बार उन्हें हटाया जा सकता है।
अभिनेता भी हैं नजीब
दिल्ली के नवनियुक्त उपराज्यपाल नजीब जंग प्रशासनिक क्षेत्र में अपने कार्य के लिए तो जाने जाते ही हैं साथ ही उन्होंने एक अभिनेता के तौर भी काम किया है।
नजीब जंग प्रशासन से जुड़े रहे हैं। वह 1973 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और विभिन्न सरकारों के साथ काम कर चुके हैं।
उन्होंने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में संयुक्त सचिव के तौर पर काम भी किया है।
उन्होंने एशियन डेवलपमेंट बैंक और ऑक्सफोर्ड इंस्टीट्यूट के साथ ऊर्जा संबंधी अध्ययन पर काम किया है। वह प्रशासनिक और ऊर्जा संबंधी मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं।
शिक्षा में भी है दखल
नजीब जंग शिक्षा और प्रशासन के क्षेत्र में बनीं विभिन्न समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं। वह जम्मू और कश्मीर में विकास संबंधी आवश्यकताओं की जांच के लिए बनी स्पेशल टास्क फोर्स में थे।
उसके बाद उच्चा शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर विचार के लिए मानव संसाधन मंत्रालय की कोर कमेटी में भी रह चुके हैं।
इन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली और लंदन स्कूल आफ इकोनोमिक्स, लंदन से शिक्षा प्राप्त की है और वर्तमान में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र ऊर्जा पर पीएचडी कर रहे हैं हैं।
नजीब जंग अंसारी एक नाटक में अकबर की भूमिका निभाने के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने ‘अनारकली-अकबर-सलीम’ नामक नाटक में अकबर की यादगार भूमिका निभाई थी।
इन्होंने सितंबर 2010 में बाबरी मस्जिद पर इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश का समर्थन भी किया था।